हरियाणा में अब शातिर ठग सरकारी वेबसाइट पर पड़े बैनामे (सेल डीड) से अंगूठों के निशान का क्लोन बनाकर लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल रहे हैं। हरियाणा की पुलिस ने इस बाबत भूमि रिकॉर्ड विभाग को सतर्क किया है।
राज्य के भूमि रिकॉर्ड विभाग के निदेशक को 10 मई को लिखे पत्र में पुलिस ने कहा है कि फरीदाबाद पुलिस ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) से जुड़े धोखाधड़ी के एक मामले का पता लगाया है। पुलिस के मुताबिक, ठगों ने अंगूठे का जाली निशाना बनाकर पीड़ित के खाते से पैसे निकाल लिए।
पुलिस ने कहा कि ठग जमाबंदी की वेबसाइट पर जाते हैं, जिला और तहसील विवरण भरने के बाद कोई भी तारीख डाल देते हैं और फिर उस दिन के सारे बैनामे डाउनलोड कर लेते हैं।
पत्र के मुताबिक, किसी भी पंजीकृत बैनामे से वे एक बटरपेपर पर अंगूठे का निशान उतारते हैं और फिर सिलिकॉन का जाली अंगूठा बनाते हैं। उसने कहा कि इसके बाद इन अंगूठों के निशानों और अन्य विवरण से एईपीएस सक्षम पीओएस मशीनों का इस्तेमाल करके आधार से जुड़े बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं।
हरियाणा पुलिस के पत्र में कहा गया है कि इस तरह से ठगने के कई मामले हुए हैं। पुलिस ने विभाग से सिफारिश की है कि वे आम लोगों के लिए बैनामे का सिर्फ पहला पन्ना ही उपलब्ध कराएं। पुलिस ने बेवसाइट पर खामियों का पता लगाने और उन्हें दुरुस्त करने के लिए ऑडिट कराए जाने की भी सिफारिश की है।
पिछले साल भी, हरियाणा पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था जो उंगलियों के निशान का क्लोन बनाकर और फिर AEPS के जरिए लोगों के खातों से कथित रुप से पैसे उड़ाते थे।
एईपीएस एक एनपीसीआई के नेतृत्व वाला मॉडल है जो आधार ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके किसी भी बैंक के बिजनेस संवाददाता के माध्यम से पीओएस (माइक्रो एटीएम) पर ऑनलाइन इंटरऑपरेबल वित्तीय लेन-देन की अनुमति देता है।
AEPS मोड के तहत लेनदेन करने के लिए केवल IIN (ग्राहक के बैंक की पहचान), आधार संख्या और फिंगरप्रिंट की आवश्यकता होती है।