कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस एक ऐसी ‘धुरी’ है, जिसके इर्द-गिर्द भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी गठबंधन बनता है और पार्टी को आगे भी यह धुरी बने रहना होगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 2024 के आम चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए ‘संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) प्लस प्लस’ का गठन सबसे बेहतर विकल्प है।
पार्टी का ‘चिंतन शिविर’ शुरू होने से पहले पायलट ने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर में सफल चुनावी रणनीति बनाने पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी। पायलट ने भाजपा पर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया और कहा कि ‘कुछ असामाजिक तत्व’ स्मारकों एवं सड़कों का नाम बदलने जैसी मांगों के जरिए मंहगाई जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या कुतुब मीनार या ताजमहल का नाम बदलने की मांग पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की ‘आसमान छूती’ कीमतों को कम करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है?
फेल हुईं सरकार की नीतियां: पायलट
पायलट ने कहा, ‘ये ऐसे मुद्दे हैं जो असल मुद्दों से ध्यान भटकाने और लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए उठाए जाते हैं, वह भी ऐसे समय में, जब नींबू 300 रुपये प्रति किलो, सिलेंडर 1,000 रुपये और पेट्रोल की कीमत लगभग 125 रुपये पर पहुंच गई है। राजकोषीय प्रबंधन में अराजकता फैली है, सरकार की आर्थिक नीतियां बुरी तरह विफल हुई हैं और सरकार में कोई इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।’
पायलट ने बताया ‘चिंतन शिविर’ का एजेंडा
‘चिंतन शिविर’ से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए पार्टी का मकसद मंथन करना, एक नया खाका तैयार करना, पार्टी के विचारों में जान फूंकना और आगे बढ़ते हुए उन परिवर्तनों का अपनाना है, जिससे संगठन को नया रूप दिया जा सके और भविष्य की राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने की तैयारी की जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘चिंतन शिविर’ के बाद पार्टी के पास एक स्पष्ट एजेंडा होगा।
कल से शुरू होगा कांग्रेस का चिंतन शिविर
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को वह ‘केंद्रीय स्तंभ’ बने रहना है, जिसके चारों ओर अन्य ताकतें एकजुट हो सकती हैं। गौरतलब है कि कई राज्यों में चुनावी पराजय के चलते ‘अप्रत्याशित संकट’ का सामना कर रही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक पदाधिकारी पार्टी में नई जान फूंकने के लिए शुक्रवार से उदयपुर में तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।