पोओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीन का बनाया एक पुल हिमनद झील की बाढ़ को नहीं झेल पाया और टूट गया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल भीषण गर्मी की वजह से शिस्पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है और इसी वजह से हिमनद झील में बाढ़ आ गई। यह पुल काराकोरम राजमार्ग पर बना था। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुल ताश के पत्तों की तरह गिर गया और पानी में बह गया।
पाकिस्तान की मंत्री शेरी रहमान ने एक ट्वीट में बताया कि जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पहले ही इसकी चेतावनी दी थी। शिस्पर ग्लेसियर से तेज बहाव की वजह से पिलर के नीचे कटाव होने लगा जिस वजह से पुल ढह गया। उन्होंने कहा कि है कि 48 घंटे में यहां फिर से एक अस्थाई पुल बनाया जाएगा।
क्यों खास था पीओके का यह पुल
पाकिस्तान के लिए यह पुल इसलिए खास था क्योंकि पीओके से काराकोराम वैली होकर चीन जाने वाला रास्ता इसी पुल से जुड़ता था। घाटी और ऊंची सड़कों की वजह से इस पुल को भी आकर्षण का केंद्र माना जाता था। चीन ने इस पुल का निर्माण करवाया था। इस इलाके में भीषण गर्मी और ग्लेशियर पिघलने की समस्या कई सालों से बनी हुई है।
यह पुल चीन और पाकिस्तान को जोड़ने वाला मुख्य पुल है और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। खबरों के अनुसार, ग्लेशियर की बाढ़ ने ना केवल पुल को बल्कि घरों को जलमग्न कर दिया है। बांढ़ से कृषि भूमि, सैकड़ों नहरों, पेड़ों, जल आपूर्ति चैनलों और दो जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है।
फंस गए हजारों पर्यटक
रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से पुल के दोनों ओर हजारों पर्यटक फंस गए हैं। गौरतलब है कि ग्लेशियर फटने की घटना शनिवार की है।
पीओके में 33 हिमनद झील कभी भी फट सकती हैं : एजेंसी
पाकिस्तानी एजेंसियों के मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। उनका कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनखा इलाके में ही ग्लेशियर पिघलने से 3,000 से ज्यादा हिमनद झील बन चुकी हैं, जिनमें से 33 कभी भी फट सकती हैं। पाकिस्तान के पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने वैश्विक नेताओं से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कदम आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।