सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी सेक्टर-93 ए में अवैध करार दिए जा चुके टि्वन टावर ढहाने की तैयारियां जारी हैं। इसी बीच ध्वस्त करने वाली निजी कंपनी ने अनुरोध किया है कि समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ा दी जाए। हालांकि, जबकि नोएडा प्राधिकरण ने समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
नोएडा प्राधिकरण ने इसे समझौते का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सुपरटेक, डेवलपर, निजी कंपनी के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहा था। मुंबई स्थित एडिफिस इंजीनियरिंग और उसके दक्षिण अफ्रीकी साझेदार जेट डिमोलिशन ने तकनीकी आधार पर विस्तार की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि सेक्टर 93ए में दो टावरों की ताकत को देखते हुए उन्हें दो अतिरिक्त मंजिलों पर धमाका करना होगा। ऐसे में तैयारियों में अभी और समय लगेगा। इसके अलावा कंपनियां मानसून को भी ध्यान में रख रही हैं, जो विध्वंस प्रक्रिया के दौरान स्थापित होगा।
मौके पर एजेंसी तोड़फोड़ के साथ दीवारों में विस्फोटक लगाने के लिए होल करने के साथ अन्य काम कर रही है, लेकिन जिस हिसाब से अब तक काम हुआ है उसको देखते हुए 22 मई को या उसके पहले एजेंसी टावर ढहा देगी यह स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस साल फरवरी में एडिफिस ने विध्वंस प्रक्रिया के लिए साढ़े चार महीने की मांग की थी, लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने मांग को खारिज कर दिया और 22 मई की तारीख तय की। जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को विध्वंस का आदेश दिया था। तो सुपरटेक को तीन महीने में प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया था।
टावर ढहाने की तैयार कर रही एडिफाईस एजेंसी की तरफ से इसको लेकर कुछ भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी जा रही है। आसपास की सोसायटी के निवासी व आरडब्ल्यूए सदस्य यह जरूर कह रहे हैं कि एजेंसी समय बढ़वाने की बात कह रही है।
टावर गिराने को 3400 किलो विस्फोटक लगेगा
सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण में करीब 3400 किलो विस्फोटक लगने का अनुमान है। अभी आंकलन किया जा रहा है। ऐसे में ओर अधिक भी विस्फोट लग सकता है। वहीं दूसरी ओर लगभग तय हो चुका है कि 22 मई को टावरों का ध्वस्तीकरण नहीं हो पाएगा।
फरवरी महीने में टावरों को तोड़े जाने के समय करीब 2500 किलो विस्फोटक लगने का अनुमान जताया गया था। इसके बाद 10 अप्रैल को हुए टेस्ट ब्लास्ट में बताया गया कि टावरों का स्ट्रक्चर मजबूत है। ऐसे में समय अधिक लगने के साथ-साथ अधिक मात्रा में विस्फोटक व अन्य काम करने होंगे।
महत्वपूर्ण यह है कि एजेंसी ने टावर ध्वस्तीकरण के लिए तीन महीने का और समय मांगा था जिसको नोएडा प्राधिकरण ने खारिज कर दिया है।