चित्तौड़गढ़ में दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है। बेटी के पिता ने थाने में सामूहिक दुष्कर्म की रिपोर्ट दी है। शिकायत के मुताबिक उनकी बेटी 4 मई को घर से निकल कर चित्तौड़गढ़ किले पर पहुंच गई थी, जहां बदमाशों ने वहां खंडहरों में उसके साथ दुष्कर्म किया। यहां से वो उनकी बेटी को होटल व अन्य जगह ले गए और उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। सोमवार को यह केस दर्ज किया गया है।
पुलिस को दी गई रिपोर्ट में पिता ने बताया है कि उनकी तीस साल की बेटी मानसिक रुप से दिव्यांग है। वो 4 मई को घर से निकल कर किले पर पहुंच गई थी, जहां कुछ बदमाशों ने खंडहर में ले जाकर उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इसके बाद युवती को होटल व अन्य जगह भी ले गए। यहां भी उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी कालूराम उर्फ हकला, अनिल उर्फ कालू शर्मा, चेतन उर्फ कचोरिया, प्रहलाद सालवी, देवराज, आशीष शर्मा और रतनलाल समेत सात लोगों को नामजद किया है। पुलिस ने युवती का मेडिकल करवाया है। पुलिस ने इस मामले को लेकर अभी कोई बयान नहीं दिया है। पुलिस ने बताया है कि आरोपियों के खिलाफ रेप व एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि युवती जब घर लौटकर आई तो उसने पिता को इशारों से पूरी बात को समझाया। इसके बाद पिता ने आरोपियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दी। अस्पताल में पुलिस के सामने भी युवती ने इशारों से अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। पीड़िता के परिजनों ने बताया कि बचपन से ही वो मानसिक तौर से बीमार है। शादी के बाद छोटे बच्चे होने से वो कभी पीहर तो कभी ससुराल में रहती है।
इधर पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज लगे हैं। इसमें महिला को कुछ लोग अपने साथ ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी आधार पर ही पुलिस ने आरोपियों को नामजद किया है। इस मामले में जिन लोगों को डिटेन किया गया है, उनमें दो नाबालिग भी हैं।
किले की सुरक्षा पर सवाल :
इस घटना के बाद किले की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। यहां एएसआई के सरकारी व निजी गार्ड तैनात रहते हैं। उन्हें भी इस घटना की भनक तक नहीं लगी। यह बात भी सामने आई के कुछ गार्डों को मालूम चला था, लेकिन वे चुप रहे। पुलिस अब गार्डों से पूछताछ कर रही है।