महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होने की मांग उठी है। इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने औरंगाबाद में 1 मई को हुई रैली से जुड़े मामले में कोर्ट से ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के निर्देश देने की मांग की है। खबर है कि इस मामले पर कोर्ट शुक्रवार को ही सुनवाई कर सकता है।
पुणे के हेमंत पाटिल ने अपनी याचिका में कहा है कि ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में रैली की और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के खिलाफ बोला। उन्होंने कहा है कि इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में अशांति फैल सकती है और राज्य में शांति भंग हो सकती है। उन्होंने मनसे प्रमुख के खिलाफ राजद्रोह का मामला पंजीकृत करने की मांग की है।
रैली के दौरान ठाकरे ने पवार पर जमकर सवाल उठाए थे और जाति की राजनीति करने के आरोप लगाए थे। हालांकि, भाषण के बाद औरंगाबाद पुलिस ने रैली के वीडियो की जांच की और ठाकरे के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया था।
साथ ही ठाकरे ने रैली के दौरान मस्जिदों से 3 मई तक लाउडस्पीकर हटाने के अल्टीमेटम को दोहराया था। सांस्कृतिक मंडल मैदान में उन्होंने कहा था, ‘आज महाराष्ट्र का पहला दिन है। आज से चौथे दिन नहीं सुनूंगा। जहां भी हम लाउडस्पीकर देखें, हम भी लाउडस्पीकर के सामने दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करें।’
कहां से शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद
12 अप्रैल को मनसे प्रमुख ने महाराष्ट्र सरकार से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने 3 मई तक का अल्टीमेटम भी दिया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इसके बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ता लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा चलाएंगे।