यूनाइटेड नेशंस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हैं टीएस तिरुमूर्ति। 5 अप्रैल की शाम उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि आज दोपहर यूक्रेन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में मैंने निम्नलिखित बयान दिया। इस ट्वीट में उन्होंने अपना पूरा बयान छापा था। उनके इस ट्वीट पर नीदरलैंड के एक डिप्लोमैट करेल वान ओस्तेरोम का ट्वीट आया।
तिरुमूर्ति ने नीदरलैंड को धोया
ओस्तेरोम ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर वोटिंग के दौरान गैर-हाजिर नहीं रहना चाहिए था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करें। बता दें कि ओस्तेरोम नीदरलैंड के लिए ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड में राजदूत हैं। ओस्तेरोम के इस ट्वीट पर तिरुमूर्ति ने उन्हें लताड़ लगाई है। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत को ज्ञान देने की कोशिश न करें। हमें पता है कि हमें क्या करना है।
यूक्रेन को लेकर क्या है भारत का स्टैंड?
बता दें कि यूनाइटेड नेशंस में यूक्रेन को लेकर हुए भारत अनुपस्थित रहा है और वोटिंग के बाद बयान जारी कर अपने स्टैंड को बताने की कोशिश की है। यह सच है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को लेकर भारत ने मॉस्को की खुलकर आलोचना नहीं की है लेकिन भारत ने लगातार कहा है कि युद्ध खत्म किया जाए और बातचीत के जरिए मसले को सुलझाया जाए।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूरोप के देश मान रहे हैं कि यूक्रेन रूस में भारत रूस के साथ खड़ा है जबकि ऐसा नहीं है। सच ये है कि भारत किसी के साथ नहीं है। इसे रूसी तेल के एक उदाहरण मात्र से समझ सकते हैं। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद भी यूरोप के देश मॉस्को से तेल खरीद रहे हैं और ये देश रूसी तेल खरीदने की लिस्ट में सबसे टॉप पर हैं।