देश में ईद का पर्व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया गया। लेकिन राजस्थान के जोधपुर में आपसी भाईचारे की मिठास घोलने वाले इस त्योहार के मौके पर जमकर हिंसा हुई। दो पक्ष के लोग आपस में इस कदर भिड़े कि कई लोगों को चोटें आईं और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। हम आपको बताते हैं कि ईद की इस मिठास में कड़वाहट घोलने की शुरुआत कब और कैसे हुई?
पहले नारेबाजी फिर पत्थरबाजी
दरअसल जोधपुर में सोमवार की देर रात सबसे पहले माहौल बिगड़ा। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक समुदाय के लोग स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर लगे झंडे को लेकर और जालोरी इलाके में ईद को लेकर लगाए गए बैनर को लेकर नारे लगाने लगे। प्रदर्शनकारियों ने झंडा और बैनर को हटा दिया। इसी दौरान वहां दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए। इसके बाद देखते-देखते ही यह नारेबाजी, पत्थरबाजी में तब्दील हो गई।
पुलिस ने चटकाई लाठियां
पक्ष के लोग आपस में भिड़ गए और फिर कोहराम मच गया। कोहराम को शांत कराने पहुंची पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चटकाईं और आंसूगैस के गोले भी छोड़े। इस पथराव में डीसीपी भुवन भूषण यादव, एसएचओ अमित सियाग सहित दो कॉन्स्टेबल घायल हो गए। रात में भी यहां एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया।
हिंसा क्यों भड़की?
सोमवार की रात आखिर हिंसा क्यों भड़की…इसे लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि जोधपुर में इन दिनों तीन दिवसीय परशुराम जयंती महोत्सव चल रहा है और उसी कड़ी में जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर स्वर्गीय बालमुकंद की मूर्ति पर भगवा ध्वज फहराया गया था।
जिसको लेकर प्रशासन ने ब्राह्मण समाज से अनुरोध कर बीते सोमवार को दोपहर में यह भगवा ध्वज उतरवा लिए थे। लेकिन रात होते-होते अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा पर ध्वजा लगाया। जिसे देखने के बाद स्वतंत्रता सेनानी के रिश्तेदार और कुछ अन्य लोग भड़क गए और फिर यह हिंसा बढ़ती ही चली गई। हालांकि, पुलिस अभी सीसीटीवी फुटेज और अन्य वीडियो के आधार पर हिंसा की वजहें और हिंसा करने वालों की तालाश कर रही है।
ईद के दिन भी अमन नहीं
उम्मीद थी कि मंगलवार की सुबह यानी ईद के दिन यहां अमन जरूर लौटेगा। लेकिन अफसोस कि ऐसा हो नहीं सका और जालोर इलाके में हिंसा फिर भड़क उठी। बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने एक बार फिर हिंदुओं के द्वारा लगाए गए झंडे को हटाने की कोशिश की जिसके बाद सुबह का यह हंगामा शुरू हुआ।
पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़
जब ईद की नमाज के दौरान वहां भीड़ जमा थी तब ही यह बवाल फिर से शुरू हुआ है। हंगामा कर रहे लोगों ने करीब एक दर्जन गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। इन गाड़ियों के कांच टूटे हैं। पुलिस की चार गाड़ियों में भी तोड़फोड़ हुई है।
पुलिस ने फहराया तिरंगा
जिस झंडे को लेकर यह विवाद शुरू हुआ, पुलिस ने उस विवाद को खत्म करने के लिए दोनों ही समुदाय के झंडे को हटा दिया और वहां तिरंगा फहरा दिया। सुबह हुए हंगामे और तोड़फोड़ के बाद वहां भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। लेकिन इस हंगामे में दोनों ही समुदाय के कुल 7 लोग जख्मी भी हो गए। कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया।
एक बड़ी बात यह भी है कि सोमवार की देर रात हुए हंगामे के बाद खुद सीएम ने भी इस मसले पर ट्वीट कर लोगों से शांति बरतने की अपील की थी, बावजूद इसके हिंदा दोबारा भड़की। सीएम अशोक गहलोत ने कहा था, जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।’
CM ने बुलाई बैठक
जोधपुर से पहले करौली में भी सांप्रदायिक तनाव फैला था। अलवर के मुद्दे पर भी जमकर हंगामा हुआ था। अब जोधपुर में बवाल ने राज्य सरकार की पेशानी पर बल ला दिया है। सीएम अशोक गहलोत ने प्रशासन को आदेश दिया है कि वो उपद्रवियों से कड़ाई के साथ निपटें।
इसके अलावा सीएम ने इस हालात को देखते हुए डीजीपी और अन्य अधिकारियों के साथ एक हाई-लेवर मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। सीएम ने अपने जन्मदिन से जुड़े सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है।