दिल्ली के वीवीआईपी इलाके सिविल लाइंस में 77 वर्षीय राम किशोर अग्रवाल की हत्या करने वाले बदमाशों ने तकिए से मुंह दबाने के बाद चाकू से ताबड़तोड़ वार किए थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। बदमाशों के वार से घायल होने के बाद करीब आधे घंटे तक राम किशोर खून से लथपथ फर्श पर पड़े रहे। इस दौरान रक्तस्त्रत्तव होता रहा, जिससे उनकी जान चली गई। इस बात का खुलासा प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ है। जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राम किशोर अग्रवाल ग्राउंड फ्लोर पर स्थित अपने कमरे में सोए हुए थे, तभी दोनों बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।
घटनास्थल के मुआयने से सामने आया है कि तकिए से मुंह दबाकर बुजुर्ग पर ताबड़तोड़ चार वार किए गए। हालांकि, गले पर लगी चोट घातक नहीं थी, लेकिन पीठ पर किए गए दो वार से खून बहना शुरू हो गया। इसके बाद दोनों बदमाश खून से लथपथ हालत में बुजुर्ग को छोड़कर कमरे की तलाशी में जुट गई। करीब आधे घंटे बाद जब वे बाहर निकले तो सड़क पर सिक्योरिटी गार्ड से सामना हुआ। इसके बाद घटना की जानकारी परिजनों को हुई।
जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर के अनुसार, चाकू से किया गया कोई भी वार महत्वूपर्ण अंगों तक नहीं पहुंचा था। अगर समय पर इलाज मिल गया होता तो बुजुर्ग की जान बच सकती थी, पर भारी मात्रा में खून बहने से बुजुर्ग की जान चली गई। वहीं, घर में पूरा परिवार इस घटना से बेखबर पड़ा हुआ था।
घर में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े : पुलिस की जांच में सामने आया है कि बुजुर्ग के घर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन वह छह माह से खराब चल रहे थे। पुलिस को पड़ोसी मकान के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में महत्वपूर्ण तस्वीरें मिली हैं। वहीं घर में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड सुनील के पास कोई फोन तक नहीं था। यहां तक कि गार्ड रूम में इंटरकॉम की भी व्यवस्था नहीं थी।
बुजुर्ग को जरूरत पड़ने पर सुनील को बुलाने के लिए गार्ड रूम तक जाना पड़ता था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर फोन आदि होता तो गार्ड द्वारा घटना की सूचना जल्दी मिल सकती थी।
ट्रैफिक पुलिस से मदद मांगी : हत्या के बाद बदमाश बेहद तेज रफ्तार में बाइक चलाते हुए आउटर रिंग रोड की तरफ भागे। चूंकि, आउटर रिंग रोड पर ओवरस्पीड चालान के लिए कैमरे लगे हुए हैं। उत्तर जिला पुलिस ने टोडापुर स्थित ट्रैफिक पुलिस मुख्यालय से सहायता मांगी है। पुलिस का मानना है कि इन कैमरों में बाइक का नंबर भी दर्ज हुआ होगा।
सीडीआर और आईपीडीआर डेटा खंगालने में जुटी पुलिस
नई दिल्ली। बुजुर्ग की हत्या के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी उत्तर जिला पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस घटनास्थल से एक किलोमीटर की परिधि में सीडीआआर और आईपीडीआर डेटा जमा कर रही है ताकि संदिग्धों की पहचान हो सके।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात दस बजे से वारदात तक कहीं भी हमलावर फोन लेकर दिखाई नहीं दे रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इनके पास फोन रहा होगा जिसकी सहायता से वे अंदर की सूचना देने वालों से संपर्क में थे, इसलिए पुलिस घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर की परिधि में डंप और आईपीडीआर डेटा जमा करने में जुट गई है
ऐप से कॉल का पता लगाने के लिए आईपीडीआर डाटा जमा किया जा रहा है। अगर, कोई सामान्य कॉल न कर सिर्फ इंटरनेट का प्रयोग करता है तो आईपीडीआर से इंटरनेट का प्रयोग करने वाले मोबाइल नंबरों और खपत किए डेटा की जानकारी मिल जाएगी।
घर-ऑफिस के कर्मचारियों पर शक
नई दिल्ली। उत्तर जिला पुलिस की सात टीमें रियल एस्टेट कारोबारी राम किशोर अग्रवाल हत्याकांड को सुलझाने में जुटी हैं। फिलहाल पुलिस का शक परिवार के घर एवं दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों पर टिका है।
घटना के दूसरे दिन सोमवार को पुलिस ने मृतक के बंगाली मार्केट स्थित दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारियों की सूची बनाई। वहीं, घर में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी का पुलिस से सत्यापन नहीं होने की बात भी सामने आई है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस तरह से बेहद आत्मविश्वास से हत्या की गई है उससे लगता है कि दोनों युवकों के पास इस घर के बारे में पुख्ता जानकारी थी। पुलिस का मानना है कि घर से जुड़े किसी शख्स ने ही यह जानकारी मुहैया कराई है। पुलिस का शक घर में रहने और प्रत्येक दिन आने वाले कर्मचारियों पर है। इसलिए दो घरेलू सहायिकों समेत पांच लोगों से कल से पूछताछ की जा रही है। अरुणा आसफ अली रोड स्थित दफ्तर से आने वाले कर्मियों से पूछताछ की जा चुकी है।
कॉल डिटेल खंगाली जा रही : मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस की जांच के केंद्र में परिवार एवं इससे जुड़े लोगों के 25 फोन नंबर हैं। इन नंबरों से की गईं कॉल और इंटरनेट डाटा की खपत का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं जिनके बारे में संबंधित लोगों से पूछताछ की जा रही है।
नौकरी छोड़कर भागे नौकर की तलाश : पुलिस अधिकारी ने बताया कि घर में अजय नाम का युवक कुक का काम करता है। वह तीन चार माह पहले अपने घर गया था। तभी परिवार ने गुड्डू नाम के युवक को अपने घर पर कुक के लिए रखा था। लेकिन, गुड्डू कुछ ही समय बाद यहां से भाग गया। पुलिस अब गुड्डू के बारे में भी जांच कर रही है।