गाजियाबाद के वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास 27अप्रैल को कलेक्शन एजेंट सुनील से हुई 7.80 लाख रुपये की कथित लूट की घटना पुलिस की जांच के दौरान फर्जी निकली। एजेंट ने खुद ही लूट की झूठी साजिश रची थी। आरोपी ने अपने कलेक्शन एजेंट जीजा से बदला लेने और रकम हड़पने के लिए यह पूरा षडयंत्र रचा था। पुलिस ने सोमवार को आरोपी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया है।
नोएडा बहलोलपुर निवासी सुनील कुमार साहिबाबाद गांव स्थित ‘मास्टर पे’ कंपनी में कलेक्शन एजेंट का काम करता है। वह दुकानदारों से पैसा एकत्रित कर कंपनी में जमा कराता था। सुनील ने 27 अप्रैल की दोपहर को सवा तीन बजे पुलिस को वैशाली मेट्रो के पास 7.80 लाख रुपये की लूट होने सूचना दी थी।
पीड़ित के मुताबिक, काले रंग की बाइक सवार दो बदमाशों ने स्कूटी में लात मारी और फिर नकदी से भरा बैग लूटकर भाग गए। पुलिस को शुरुआती जांच में ही मामला संदिग्ध लगा, लेकिन घटनास्थल से लूट का कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला था। हालांकि, पुलिस ने आरोपी से कई घंटों की पूछताछ के बाद लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस की पांच टीमें जांच पड़ताल में जुटी रहीं।
50 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले
पुलिस टीमों द्वारा घटनास्थल के आसपास से लेकर बॉर्डर तक 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गईं। दुकानदार व कंपनी स्टाफ से जानकारी जुटाई। इसमें पूरी तरह से कलेक्शन एजेंट की भूमिका संदिग्ध नजर आई। कड़ाई से पूछताछ में सुनील टूट गया। उसने बताया कि अपनी दीदी की मौत के लिए वह जीजा को जिम्मेदार मानता है और उसे फंसाने और रकम हड़पने के लिए ही उसने यह पूरी साजिश रची।
आरोपी सुनील की बहन की तीन महीने पहले डिलीवरी के दौरान मौत हो गई थी। उसका आरोप है कि जीजा ने उसकी बहन का इलाज नहीं कराया था और अब वह दूसरी शादी कर रहा था। इससे सुनील बहुत नाराज था। उसने जीजा को सबक सीखने की ठानी थी। जबकि जीजा भी मास्टर पे कंपनी में कलेक्शन एजेंट का काम करता है। पिछले दिनों अपने आरोपी साले से अपना भी कलेक्शन एकत्रित कर कंपनी में जमा करने को बोला था।