सीएमएस कंपनी की कैश वैन लूटकांड के दो आरोपियों पर पुलिस ने एनएसए की कार्रवाई की है। पुलिस ने मामले में पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घटना का मास्टर माइंड बैजनाथ सिंह था। वह सीएमएस कंपनी में कस्टोडियन का कार्य करता था। उसने अपने दोस्त शिवम सिंह के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था।
28 मार्च को शहर के बरहज गली में कारोबारियों से कैश कलेक्शन करने के गए सीएमएस कंपनी के कर्मचारी से करीब 30 लाख रुपये लूटने की कोशिश बदमाशों ने किया था। विरोध करने पर कस्टोडियन प्रभुनाथ पांडेय को एक बदमाश ने गोली मार दिया। यह देख वैन में मौजूद गार्ड योगेंद्र तिवारी ने बदमाश शिवम सिंह के पैर में गोली मार दिया था।
मामले में गार्ड योगेन्द्र तिवारी की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने शिवम सिंह पुत्र सुनील सिंह निवासी भदिला दोयम थाना मदनपुर और दो अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध केस दर्ज किया था। 31 मार्च को पुलिस ने घटना का खुलासा किया। पुलिस की छापेमारी से परेशान और एनकाउंटर के डर से एक आरोपी पुरुषोत्तम जायसवाल पुत्र विभूति जायसवाल निवासी रावतगंज थाना कैम्पियरगंज जिला गोरखपुर ने 30 मार्च को देवरिया सदर कोतवाली में पहुंच कर आत्मसमर्पण कर दिया था।
वहीं वारदात के मास्टर माइंड सीएमएस के दूसरे कस्टोडियन बैजनाथ सिंह पुत्र स्व.सीताराम सिंह निवासी भइया भुजौली थाना बरहज को कोतवाली पुलिस ने 31 मार्च को पिपरपाती पुलिया से गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस ने 30 मार्च को एक अन्य लूटेरे जन्मेजय सिंह पुत्र गणेश सिंह निवासी गहांसाड थाना गीडा जिला गोरखपुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इसके अलावा घटना में शामिल दीपक पाण्डेय पुत्र रामनरेश पाण्डेय को महराजगंज पुलिस ने 30 मार्च को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में पुरुषोत्तम जायसवाल और दीपक पाण्डेय के विरुद्ध रासुका की कार्रवाई के लिए पुलिस ने डीएम को पत्र भेजा था। डीएम ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध एनएसए की कार्रवाई की संस्तुति कर दी है।
 
	    	 
                                
 
                                 
                                






