मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह जप पर राम नाम की राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा ने दिग्विजय पर पलटवार करते हुए कहा है कि जब भी कोई अच्छा काम किया जाता है तो विघ्न संतोषी का नाम लिया जाता है। रामायण में भी रावण का नाम 113 बार लिया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि रावण पुज्यनीय हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के फर्जी रामभक्तों के राम नाम जप की जगह उनके नाम का जप किए जाने का बयान दिया था और इस बयान से एकबार फिर वे फिर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि दिग्विजय सिंह गलतफहमी में हैं कि वे भगवान से तुलना कर रहे हैं। वे कुंठा निकाल रहे हैं। सारंग ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने इतने पाप किए हैं कि उन जैसे विघ्न संतोषी का अच्छा काम करने के लिए नाम लेना पड़ता है। तुलसीदास जी ने भी कहा है कि कोई काम करने के पहले विघ्नसंतोषी का नाम पहले लिया जाना चाहिए। सारंग ने दिग्विजय को कहा है कि वे मुगालते में रहें कि उनका नाम लिया जा रहा है तो वे पुज्यनीय हो गए हैं। सनातन धर्म में हर दुष्ट का अंत निश्चत तौर पर हुआ है।
राम के गुणगान में राम विरोधी का नाम भी जरूरी
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर कांग्रेस की चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी संभव नहीं हो सकता है जब राम के गुणगान में राम विरोधी का नाम नहीं आए। शर्मा ने कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी जाने को लेकर तंज कसा कि जब रामनवमी मनाने की उन्होंने चिट्ठी लिखी तो नेता प्रतिपक्ष पद गंवा दिया। उन्होंने कहा कि इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि कांग्रेस राम नाम में कितना भरोसा करती है। भाजपा तो राम नाम के सहारे थी, है और आगे भी रहेगी।