उत्तर प्रदेश में एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को बिजली कटौती बंद करने और रोस्टर के हिसाब से आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं तो दूसरी तरफ इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर तंज कसते हुए कहा है कि पावर कार्पोरेशन के अधिकारी भाजपा सरकार के आदेशों-निर्देशों को तवज्जों नहीं दे रहे हैं। प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है।
अखिलेश ने कहा कि गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार पर्याप्त बिजली का इंतजाम नहीं कर पा रही है। अफसरों की लापरवाही पर नियंत्रण नहीं लग रहा है। भाजपा के दूसरे कार्यकाल में बिजली मंत्री तो बदल गए, लेकिन दुर्दशा नहीं बदली। सरकारी बयानों में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया जा रहा है, पर हकीकत में महज 4 घंटे बिजली मिल रही है। कई स्थानों पर तो पूरी रात ब्लैक आउट रहता है। ट्रांसफार्मर फुंकते जा रहें है।
उन्होंने कहा कि बिजली कटौती से बुनकरों का काम प्रभावित हो रहा है। संतकबीर नगर में बिजली न मिलने से पावरलूम ठप्प हो रहे हैं। ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों में भी बिजली की जबरदस्त कटौती हो रही है। यूपी को नफरत की आग में झोंकने वाली भाजपा सरकार ने बिजली उत्पादन के लिए कोई काम नहीं किया। प्रदेश में 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है, तो बिजली कहां से मिलेगी? भाजपाई झूठे दावों की असलियत अब सामने आ रही है।