एम्स में नर्स कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से मंगलवार को सर्जरी रद्द होने वाले मरीज परेशान रहे। मरीजों का कहना है कि सुबह सर्जरी होने की वजह से उन्हें रात में आठ बजे से ही डॉक्टर के निर्देशानुसार खाना नहीं दिया गया और अगले दिन सुबह ऑपरेशन की ड्रेस भी पहना दी गई। सुबह 10 बजे तक उन्हें खाना भी नहीं मिला और बाद में सर्जरी भी नहीं हुई। ऐसे ही कई लाचार मरीजों ने पत्र लिखकर एम्स के निदेशक से उनकी सर्जरी तुरंत कराने की गुहार लगाई है।
कई ऐसे बीमार मरीजों की सर्जरी भी रद्द हो गई, जिनका कई महीनों के बाद नंबर आया था। बिहार के किशनगंज जिले से आए असगर यूरोलॉजी के सी फोर वार्ड में अपनी पत्नी के साथ बैठे थे। उनकी पत्नी मुसिया खातून की पहले पिछले शुक्रवार को सर्जरी होनी थी। उस दिन नर्स कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सर्जरी नहीं हो सकी। बाद में उनकी सर्जरी मंगलवार को प्रस्तावित थी, लेकिन एक बार फिर हड़ताल हो जाने पर सर्जरी रद्द हो गई।
उन्होंने बताया कि यह भी नहीं पता कि अब सर्जरी कब होगी। इसी तरह न्यूरोसर्जरी वार्ड में ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी के लिए आए 45 वर्षीय प्रेमपाल (बदला नाम) का छह महीने बाद सर्जरी का नंबर आय था लेकिन उनकी भी सर्जरी रद्द कर दी गई। 42 वर्षीय राजेन्द्र कुमार का वॉल्व रिपेयर होना था लेकिन उनकी भी सर्जरी नहीं हो सकी।
गुलेरिया ने नर्स कर्मियों को काम पर लौटने के लिए कहा
हाईकोर्ट के आदेश से पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के निदेशक गुलेरिया ने नर्स कर्मचारियों से वापस काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण दर्जनों सर्जरी प्रभावित हुई। पांच साल के बच्चों, किडनी के मरीजों सहित अन्य को सर्जरी टेबल से वापस वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा।
सर्जरी से पहले इन मरीजों को रातभर उपवास पर रखा गया। एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मंगलवार को नर्सिंग यूनियन की हड़ताल के कारण छोटे बच्चे, किडनी मरीज सहित अन्य की सर्जरी प्रभावित हुई। यह दुखद है, नर्सों ने बिना कोई नोटिस दिए, स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया है।
हमारा काम सेवाएं देना है
गुलेरिया ने नर्स कर्मचारियों को समझाते हुए कहा कि हमारा काम लोगों को सेवाएं देना है। सर्जरी से पहले लोगों को उपवास पर रखा जाता है, ऐसे में उन माता-पिता के बारे में सोचों जिनके पांच साल के बच्चे का ऑपरेशन होना है और रात भर उसे उपवास पर रखा गया, लेकिन आपॅरेशन नहीं हो सका।
रातभर भूखा रखा पर ऑपरेशन नहीं हुआ
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, हड़ताल की वजह से 60 बड़ी सर्जरी रद्द हो गईं। अस्पताल में जो सर्जरी रद्द हुईं उनमें छह मरीज न्यूरोसर्जरी के भी थे, जिन्हें ब्रेन ट्यूमर की वजह से सर्जरी की जरूरत थी। सात बच्चों की सर्जरी भी रद्द हो गई। दिल और कैंसर की बीमारी से पीड़ित मरीजों की सर्जरी भी रद्द हुईं। आईसीयू में देखरेख के लिए कर्मियों के न होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आईसीयू के मरीजों के लिए डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ने नर्स कर्मचारियों का काम किया। अस्पताल में प्रभावित मरीजों ने सुबह होने वाली सर्जरी के चलते डॉक्टरों के निर्देशानुसार पूरी रात कुछ नहीं खाया और उन्हें सर्जरी से पहले होने वाली दवाएं भी दी गईं लेकिन सुबह सर्जरी रद्द होने से वे परेशान रहे। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकल सका।
एम्स की नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष के निलंबन के खिलाफ मंगलवार को करीब 400 कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने एम्स प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। नर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश काजला का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने हमारी लंबित मांगों पर विचार करने के बजाय कर्मचारियों पर ही कार्रवाई कर दी। हम लंबे समय से ऑपरेशन थियेटर में मौजूद कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की काम कर रहे हैं।