राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। गहलोत के मंत्री सुभाष गर्ग ने चुनावी रणनीतिकार पीके की कांग्रेस में एंट्री से उन पर निशाना साधा है। तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने ट्वीट कर लिखा-किसी संगठन को मज़बूत व ताकतवर केवल नेतृत्व व कार्यकर्ता ही बना सकते हैं। कोई सलाहकार व सर्विस प्रोवाइडर नहीं। नेतृत्व को चाणक्य की जरूरत है न कि व्यापारी की। गर्ग के इस ट्वीट को प्रशांत किशोर पर हमला माना जा रहा है। मंत्री सुभाष गर्ग से जब इस ट्वीट पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मायने निकालने के लिए लोग स्वतंत्र हैं। गर्ग ने पीके का नाम नहीं लिया। गर्ग के इस ट्वीट के बाद सियासी हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
गहलोत की करीबी माने जाते हैं सुभाष गर्ग
मंत्री सुभाष गर्ग आरएलडी कोटे से गहलोत सरकार में मंत्री हैं। भरपुर से विधायक है। रीट पेपर लीक मामले में गर्ग का नाम उछला था। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेपरलीक करने का आरोप लगाया था। हालांकि, सुभाष गर्ग ने किसी प्रकार की संलिप्तता से इंकार कर किया। किरोड़ी लाल का कहना कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निलंबित अध्यक्ष डीपी जारौली और सुभाष गर्ग के करीबी रहे हैं। इसलिए गर्ग को इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि, गर्ग ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया था।
कांग्रेस में एंट्री का विरोध
राजस्थान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि सुभाष गर्ग ने पीके की कांग्रेस में एंट्री का विरोध कर पायलट गुट पर निशाना साधा है। पीके सचिन पायलट की तरफदारी कर चुके है। गहलोत कांग्रेस में चाणक्य की भूमिका में नजर आते है। गर्ग का इशारा साफ था कि पीके सीएम गहलोत का स्थान नहीं ले सकते। सुभाष गर्ग इससे पहले भी कई बार ट्वीट कर पायलट गुट पर निशान साध चुके हैं।