गर्मी बढ़ने से सरकारी व निजी अस्पतालों में डायरिया व एलर्जी के रोगी बढ़ने लगे हैं। सोमवार को भी अस्पतालों में जनरल फिजीशियन और त्वचार रोग चिकित्सकों की ओपीडी में मरीजों की कतार लगी रही। हर कोई चिकित्सकों से लेकर पर्ची बनवाने और दवाईयां लेने वाले काउंटर पर अपनी बारी का इंतजार करता नजर आया। चिकित्सकों की मानें तो इस महीने की शुरुआत से अभी तक अस्पतालों में डायरिया व एलर्जी के 60 फीसदी तक मरीज बढ़ गए हैं।
अप्रैल महीने में मौसम पूरी तरह बदल गया है। इस महीने उम्मीद से ज्यादा तापमान बढ़ गया है। इस कारण सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक में मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा हुआ है। जिले के सबसे बड़े सरकारी एमएमजी अस्पताल में रोजाना 1,500 से अधिक उल्टी, दस्त, सिरदर्द व बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। जबकि एलर्जी के मरीजों की संख्या 800 से अधिक है। एमएमजी अस्पताल में जनरल फिजीशियन की ओपीडी में ऐसे मरीजों की लाइन लगी रही।
चिकित्सकों का कहना है कि अप्रैल में इतनी तादात में डायरिया के मरीज नहीं आते हैं, लेकिन इस बार अप्रैल माह में ही तापमान के अधिक बढ़ने से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जबकि अप्रैल के शुरूआत में 500 से 600 मरीज ही डायरिया के आ रहे थे। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ डायरिया के मरीज बढ़े हैं। सबसे ज्यादा मरीज उल्टी, दस्त, सिरदर्द व हल्के बुखार के आ रहे है। जबकि रोजाना 20 से अधिक डायरिया के मरीजों को भर्ती तक करना पड़ रहा है। हालांकि यह एक दो दिन में ठीक भी हो रहे हैं।
वहीं, संजयनगर के संयुक्त अस्पताल में भी उल्टी, दस्त, सिरदर्द व बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। चिकित्सक बताते हैं कि अस्पताल में रोजाना एक हजार से अधिक डायरिया की बीमारी से ग्रस्त मरीज आ रहे हैं।
पर्चा बनवाना है चुनौती
जिले के सरकारी अस्पताल में डाक्टर को दिखाने के लिए पर्चा बनवाना सबसे बड़ी चुनौती है। सोमवार को सुबह काउंटर खुलने से पहले ही पर्चा बनवाने वाले मरीजों के परिवार वालों की लाइन लग गई। यहां पुरुष व महिला की अलग अलग लाइन होने के बाद भी काफी संख्या में मरीज मौजूद रहे। लाइन इतनी लंबी थी कि 11 बजे के करीब लाइन में 60 से अधिक लोग खड़े नजर आ रहे थे।