नोएडा साइबर थाना पुलिस ने फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को मेरठ से गिरफ्तार किया है। आरोपी इंटरनेट पर विभिन्न बैंकों के फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर ग्राहकों से लाखों रुपये की ठगी करते थे। दोनों झारखंड के जामताड़ा के अंतरराज्यीय गिरोह के आरोपी हैं।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल से रिटायर्ड अधिकारी स्टीफन वी थॉमस ने शिकायत दी थी कि उनकी बेटी अपने बैंक खाते पर इंटरनेट बैंकिंग शुरू करना चाहती थी। युवती ने 28 जनवरी 2022 को इंटरनेट से संबंधित बैंक का कस्टमर केयर नंबर लेकर कॉल की। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को संबंधित बैंक का कर्मचारी बताकर नेट बैंकिंग शुरू करने का झांसा दिया। उसने फर्जीवाड़ा करके युवती के खाते से 5.97 लाख रुपये निकाल लिए थे। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर दो ठगों को मेरठ के परतापुर से गिरफ्तार किया है।
साइबर क्राइम अधीक्षक त्रिवेणी सिंह बताया कि आरोपियों की पहचान मेरठ के परतापुर स्थित सौलाना गांव निवासी मोहम्मद रियाज और बिजनौर के सहायबाजपुर निवासी लईक अहमद के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से विभिन्न बैंकों के 10 डेबिट कार्ड और ठगी में इस्तेमाल तीन मोबाइल बरामद किए हैं।
एप के जरिये उड़ाते थे रकम
साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि दोनों ठगों ने इंटरनेट पर विभिन्न बैंकों के नाम से अपने फर्जी कस्टमर केयर नंबर अपलोड कर रखे थे। यह मोबाइल नंबर संबंधित बैंकों के कस्टमर केयर नंबर से मिलते-जुलते होते थे।
बैंक संबंधी कोई मदद या समस्या होने पर ग्राहक जब इंटरनेट पर केयर का नंबर खोजता था तो आरोपियों के नंबर सामने आते थे। जब ग्राहक संबंधित नंबर पर कॉल करता था तो आरोपी उन्हें खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर बात करते थे। फिर समस्या का समाधान या मदद करने के बहाने ग्राहकों से मोबाइल पर क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड कराते थे। इससे ग्राहक का मोबाइल आरोपियों के नियंत्रण में आ जाता था। फिर आरोपी ओटीपी के माध्यम से उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। इसी तरह आरोपियों ने थॉमस की बेटी के खाते से रुपये निकाले थे।
एक करोड़ से ज्यादा रुपये हड़प चुके आरोपी
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ठग पिछले चार साल से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों लोगों से एक करोड़ से ज्यादा रुपये की ठगी की है। अभी तक 150 पीड़ित पुलिस के सामने आ चुके हैं। इन पीड़ितों से करीब 35 लाख रुपये की ठगी हुई है। हालांकि, पुलिस आरोपियों से ठगी की रकम बरामद नहीं कर सकी है। इसके लिए आरोपियों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है ताकि ठगी की रकम को फ्रीज कराया जा सके।
ये सावधानी बरतें
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कोई भी वेबसाइट खोलें तो यह देख लें कि वह सिक्योर है
इसके अलावा किसी को फोन पर अपने बैंक खाता से जुड़ी किसी तरह की जानकारी न दें
ठगी के पुराने मामले
8 मार्च 2021 : ठगों ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर भंगेल निवासी बबीता से 11.34 लाख रुपये की ठगी की थी। महिला ने बैंक बैलेंस के लिए कॉल किया था।
25 फरवरी 2021 : ठगों ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर व्यापारी मुकेश गोयल से 5.80 लाख रुपये ठगे थे। पीड़ित ने बैंक खाता अपडेट कराने के लिए कॉल की थी।
मुंबई से जामताड़ा तक जुड़े तार
दोनों आरोपी झारखंड के जामताड़ा गिरोह के ठग हैं। आरोपी लईक चार साल पहले किसी काम से मुंबई गया था। यहां पर उसकी मुलाकात जामताड़ा के मामा नाम के व्यक्ति से हुई थी। मामा ने ही लईक को प्रशिक्षण दिया था। इसके बाद आरोपी ने रियाज के साथ ठगी का खेल शुरू किया।