गाजियाबाद में दयावती मोदी पब्लिक स्कूल के छात्र अनुराग की मौत के मामले में संभागीय परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आई है। स्कूल बस अनफिट होने के चलते शासन ने दो एआरटीओ और एक संभागीय निरीक्षक को निलंबित कर दिया है। संभागीय निरीक्षक वर्तमान में कानपुर में तैनात हैं और गाजियाबाद से एक साल पहले उनका तबादला हुआ था। उनके कार्यकाल में ही बस का एक साल पहले आखिरी बार फिटनेस कराया गया था, इसमें लापरवाही मानी गई है।
सूरत सिटी कॉलोनी निवासी नितिन भारद्वाज के पुत्र अनुराग की बुधवार को बस से स्कूल जाने के दौरान कॉलोनी के गेट से सिर टकराकर मौत हो गई थी, जिस बस में अनुराग स्कूल जा रहा था वह बिना फिटनेस की थी। स्कूल प्रबंधक ने संभागीय परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं लिया था। एक साल पहले बस की फिटनेस खत्म हो गई थी।
शासन ने स्कूल बस का फिटनेस नहीं होने के मामले को गंभीरता से लिया है। इस मामले में एआरटीओ (प्रशासन) विश्वजीत सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन) सतीश कुमार और संभागीय निरीक्षक प्रेम कुमार की लापरवाही मानी गई है। शासन ने तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया। संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि दोनों एआरटीओ के निलंबन के आदेश शुक्रवार को मिले, जबकि संभागीय निरीक्षक प्रेम कुमार को देर रात निलंबित कर दिया था। प्रेम कुमार की वर्तमान में कानपुर में तैनाती है, लेकिन उनके कार्यकाल में ही बस का एक साल पहले आखिरी बार फिटनेस कराया गया था। उसमें लापरवाही मानी गई है।
अभिभावकों के पास होगी स्कूल बसों की जानकारी : संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि मोदीनगर हादसे के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हजार आंखें और हजार हाथ नाम से अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत विभाग की तरफ से वॉट्सऐप नंबर जारी किया जाएगा। नंबर पर अभिभावक जिन स्कूल में उनके बच्चे पढ़ते हैं उनकी बसों की जानकारी ले सकते हैं। वॉट्सऐप पर अभिभावकों को बसों की एक्सल सीट दी जाएगी। एक्सल सीट से बसों की फिटनेस और बीमा आदि की जानकारी मिल जाएगी। अभिभावकों की शिकायत पर मानक पूरे नहीं करने वाली बसों को सीज किया जाएगा।
जिलाधिकारी के साथ बैठक कल
संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि रविवार को जिलाधिकारी के साथ अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों की बैठक होगी। इसमें बच्चों की सुरक्षा पर चर्चा होगी। स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम के मानकों की जानकारी साझा की जाएगी। अभिभावकों से अपील की जाएगी कि वह भी बसों पर ध्यान रखे।
जाम लगाने पर केस
अनुराग को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली-मेरठ मार्ग पर जाम लगाने के मामले में पुलिस ने एक एडवोकेट लोकेंद्र को नामजद करते हुए 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। मालूम हो कि प्रधानाचार्य को छोड़ने से गुस्साए परिजनों ने गुरुवार को थाने के सामने दिल्ली-मेरठ मार्ग पर जाम लगा दिया था। इससे काफी देर तक यातायात बाधित हुआ था।
प्रधानाचार्य पर कार्रवाई नहीं होने से नाराजगी
एसपी देहात द्वारा दिए गए आश्वासन पर तय समय सीमा के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो अनुराग के पिता ने पूरे परिवार के साथ थाने के सामने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। परिवार का कहना है कि प्रधानाचार्य और स्कूल मैनेजमेंट देखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अनुराग के पिता नितिन भारद्वाज का कहना है कि एसपी देहात डॉ. ईरज राजा द्वारा चार दिन के अंदर जांच पूरी कर कार्रवाई करने की बात लिखित में दी गई थी। इसके बाद ही लोग शांत हुए थे।
तीन दिन में कार्रवाई
●20 अप्रैल को छात्र अनुराग की मौत के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर बस सीज, पुलिस ने प्रधानाचार्य व चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की। रात को हिरासत में लिए गए प्रधानाचार्य को थाने से छोड़ा गया।
●21 अप्रैल को पुलिस ने दयावती मोदी पब्लिक स्कूल बस के चालक और क्लीनर को गिरफ्तार कर जेल भेजा
●22 अप्रैल को लापरवाही बरतने पर दो एआरटीओ और एक संभागीय निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया