देवास में जिला अस्पताल से गायब हुई बच्ची का मामला गरमाने लगा है। अब तक बच्ची के न मिलने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया और रोड भी जाम कर दिया। वहीं पूर्व पार्षद रूपेश वर्मा ने घटना के विरोध स्वरूप अपने ऊपर पेट्रोल डालकर खुद का जलाने का प्रयास किया। फिलहाल पुलिस द्वारा बच्ची को जल्द ढूंढने का आश्वासन दिया गया है।
20 अप्रैल को पैदा हुई थी बच्ची
गौरतलब है कि शाजापुर की रहने वाली टीना पति विशाल वर्मा देवास के जिला हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए भर्ती हुई थी। महिला ने 20 अप्रैल को एक बच्ची को जन्म दिया था। देर रात मां ने बच्ची को दूध पिलाया था। इसके बाद वह सो गई। जब वह सोकर उठी तो बच्ची बिस्तर पर नजर नहीं आई। इसके बाद महिला ने खोजबीन शुरू कर दी। इसके बाद भी जब बच्ची का कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने मामला पुलिस में दर्ज कराया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
पार्षद ने खुद पर डाल लिया पेट्रोल
उधर जब मामले की सूचना लोगों को मिली तो वहां हंगामा मच गया। लोगों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही और पैसे मांगने का भी आरोप लगाया। सूचना मिलने पर देवास पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित परिजनों को आश्वासन दिया कि दो घंटे में बच्ची को ढूंढने का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ। समाज के पूर्व पार्षद रूपेश वर्मा ने इस पर हंगामा करते हुए खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। हंगामे के बीच पुलिस ने उसे पकड़ा और उस पर पानी डाला।
स्टाफ को ताले में बंद कर दिया गया
पूर्व पार्षद ने कहाकि इतने बड़े जिला हॉस्पिटल के सीसीटीवी बंद पड़े हैं। वहीं हंगामे के दौरान सीएमएचओ ऑफिस में हॉस्पिटल स्टाफ को बाहर कर ताला लगाकर बंद कर दिया गया। रिश्तेदार विशाल भाटिया का आरोप है कि डिलीवरी के पहले अस्पताल में रुपए देने पड़ते हैं। 5 हजार रुपए की मांग की गई थी 2 हजार रुपए दे दिए गए थे। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। हमने 26 दल बनाकर बच्ची को खोजने के लिए कहा है। यह टीम अस्पताल के आसपास सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बच्ची को तलाशने निकली है। हमारी पहली प्राथमिकता बच्ची को खोजना है।
इन पर गिरी गाज
मामले को लेकर देवास कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला ने कार्रवाई की है। उन्होंने आरएमओ डॉ. मनोहर सिंह गौसर एवं नर्सिंग ऑफिसर सुश्री पूजा रोजे को निलंबित कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी शर्मा और सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। फिलहाल एसडीएम प्रदीप कुमार सोनी जिला चिकित्सालय के प्रशासकीय अधिकारी होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने और सीसीटीवी कैमरे जल्द ठीक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।