मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मालदीव में भारतीय सेना की मौजूदगी के विरोध में विपक्ष के नेतृत्व वाले ‘इंडिया आउट’ अभियान को रोकने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति ने अपने आदेश में कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने फैसला किया था कि ‘इंडिया आउट’ अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा है कि परिषद ने फैसला किया कि एक विशिष्ट देश को लक्षित करने वाले राजनीतिक अभियानों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया है।
अदालत का रुख करेगी विपक्षी दल
मालदीव सरकार के इस कदम के बाद विपक्षी पार्टियां अदालत का रुख कर सकती हैं. विपक्षी नेता अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह द्वारा जारी किए गए फरमान को खारिज करने के लिए अदालत की ओर जा रहे हैं जिसमें ‘इंडिया आउट’ अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि आदेश को अदालत में चुनौती देने के लिए विपक्षी दल कानूनी टीम के साथ बातचीत कर रही है. इसे लेकर जल्द ही एक फैसला किया जाएगा.
इंडिया आउट कैंपेन ने किया अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन
राष्ट्रपति सोलिह द्वारा साइन किए गए निर्देश में कहा गया था कि यह अभियान ने मालदीव और भारत के बीच सदियों पुरानी दोस्ती और क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को नकारात्मक रूप से प्रभावित इस अभियान ने सभी अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन किया है। यह अभियान मालदीव की शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का कारण बन सकता है।’
सोलिह ने कहा था कि इस आंदोलन के परिणामस्वरूप मालदीव अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अलग-थलग पड़ सकता है और इससे अन्य देशों के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं, जबकि देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को भी खतरा हो सकता है। राष्ट्रपति ने संबंधित अधिकारियों को आंदोलन और उसकी गतिविधियों को रोकने के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है।
क्या है इंडिया आउट कैंपेन?
पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के नेतृत्व में विपक्ष मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को बाहर निकालने के लिए ‘इंडिया आउट’ अभियान चला रहा है। हाल के महीनों में इस आंदोलन ने गति पकड़ी है। सरकार द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि भारत से मालदीव को कोई खतरा नहीं है, विपक्ष का दावा है कि भारत मालदीव पर अनुचित प्रभाव डालता है और राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की स्वतंत्रता को खतरा है।