मध्य प्रदेश के रीवा जिले की चाकघाट पुलिस ने सीमेंट के काले कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए पचास लाख का नकली सीमेंट पकड़ा है। ट्रक में लोड असली सीमेंट को उतारकर नकली सीमेंट लोड कर बेचने का यह खेल सामने आते ही पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
रीवा जिले में नकली सीमेंट की खरीदी और बिक्री का काम काफी समय से चल रहा है, जिसे रोकने में पुलिस को सफलता हाथ लगी। चाकघाट पुलिस ने पचास लाख के नकली सीमेंट के साथ ही इसके कारोबार को करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने दो ट्रक भी जब्त कर लिए हैं।
यूं चलता था नकली सीमेंट का खेल
दरअसल चाकघाट पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सीमेंट का गोरखधंधा चल रहा है। इसके बाद पुलिस ने चाकघाट में हॉस्पिटल के पास कुछ लोगों को एक ट्रक से दूसरे ट्रक में सीमेंट लोड करते पकड़ा। जिनसे पूछताछ में चाकघाट बार्डर निवासी राजेश नाम के व्यक्ति के कहने पर यह गोरखधंधा किये जाने की बात सामने आई। पुलिस का वाहन देख राजेश भाग निकला। पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि जितनी असली सीमेंट ये लोग उतारते हैं, उतनी नकली सीमेंट राजेश मंगवाता है और ट्रक में लोड कर दी जाती है। इसके बाद जहां की बिल्टी होती है, वहां भेज दिया जाता है। इससे होने वाला फायदा आपस में बांटा जाता है।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
पुलिस ने इस मामले में धारा 407, 709, 34 का अपराध कायम कर बिहार निवासी व्यंकटेश कुमार शर्मा, पचपहरा थाना मनगवां निवासी अहिवरन कोल एवं संतोष यादव निवासी गुजरपार थाना मुबारकपुर जिला आजमगढ़ को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में राजेश गुप्ता उर्फ राजेश फाइनेंसर निवासी चाकघाट फरार है। पुलिस के मुताबिक महाराष्ट्र एवं यूपी के नंबर वाले जिन दो ट्रकों को लोड सीमेंट के साथ पकड़ा गया है, उसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये है।