राजस्थान के करौली जिले में 15 दिन बाद कर्फ्यू हटा लिया है। धारा 144 लागू रहेगी। राजस्थान के करौली में दो अप्रैल को नवसंवत्सर पर निकाली गई रैली के दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटना से पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद जिला प्रशासन द्वारा लगाए कर्फ्यू को रविवार से हटा लिया गया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट पारस राम मीणा ने बताया कि करौली में स्थिति सामान्य होने के चलते रविवार सुबह सात बजे तक के लिए घोषित कर्फ्यू की अवधि की समाप्ति पर उसे आगे नहीं बढ़ाया गया। एडीएम मीणा के मुताबिक, जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू रहेगी। उन्होंने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर एहतियाती तौर पर अतिरिक्त पुलिस दस्तों की तैनाती की गई है।
15 दिन तक सियासत का केंद्र बिंदु रहा करौली
करीब 15 दिनों से राज्य की सियासत का केंद्र बिंदु रहे करौली हिंसा में पुलिस ने 46 उपद्रवी गिरफ्तार किए थे। जबकि 7 उपद्रवी हिरासत में लिए गए है। 21 वाहन जब्त किए है। आईजी भरतपुर रेंज, प्रसन्न कुमार खमेसरा ने बताया कि शनिवार को फूटा कोट क्षेत्र मैन बाजार करौली में जुलूस के दौरान हुए पथराव के बाद पुलिस ने तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए 46 लोगों को गिरफ्तार कर, 07 को पूछताछ हेतु पुलिस हिरासत में लिया है। 13 आरोपियों को घटना के सम्बन्ध में थाना कोतवाली करौली में दर्ज प्रकरण में तथा 33 लोगों को कर्फ्यू आदेश के उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 07 लोगों को पूछताछ हेतु पुलिस हिरासत में लिया गया है। इस दौरान कुल 21 दुपहिया व चौपहिया वाहन भी पुलिस द्वारा जब्त किये गये।
भाजपा एवं कांग्रेस ने किया था जांच कमेटी का गठन
करौली हिंसा मामले में भाजपा एवं कांग्रेस ने जांच कमेटी का गठन किया था। कांग्रेस ने 3 सदस्यीट कमेटी का गठन किया था। जबकि भाजपा ने 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। दोनों ही दलों ने अपनी रिपोर्ट अपने-अपने शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी। करौली हिंसा मामले में भाजपा ने लगातार गहलोत सरकार को घेरा। दो सप्ताह से अधिक समय तक राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।