पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लंदन से पाकिस्तान लौटने की अफवाहों के बीच गुरुवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो को राजनयिक पासपोर्ट जारी होने की संभावना को रोकने की मांग की गई है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, वकील नईम हैदर पंजुता ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए याचिका दायर की, जिसमें कहा गया था कि नवाज शरीफ को नवनिर्वाचित पीएम शहबाज शरीफ के निर्देश पर राजनयिक पासपोर्ट जारी किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि नवाज शरीफ एक अदालत की ओर से भगौड़े थे, जिन्हें भ्रष्टाचार के लिए एनएबी (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) की अदालत ने दोषी ठहराया था।
वकील ने कहा है कि नवाज शरीफ को राजनयिक पासपोर्ट जारी करना देश के कानून का उल्लंघन है और न्याय प्रणाली का मजाक है। एक अपराधी को राजनयिक पासपोर्ट जारी होना देश का अपमान है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि देश की अदालतों ने माना था कि एक भगौड़ा अपने सभी अधिकारों को खो देता है जो एक सामान्य व्यक्ति का हक होता है। संविधान ने अनुच्छेद 25 तहत नागरिकों के खिलाफ भेदभाव के खिलाफ स्पष्ट मानक निर्धारित किए थे।
याचिका में कहा गया है, ‘यदि किसी दोषी को राजनयिक पासपोर्ट जारी किया जाता है, जिसमें सामान्य पासपोर्ट की तुलना में बहुत अधिक विशेषाधिकार होती हैं, तो सभी आम नागरिकों के साथ भेदभाव किया जाएगा।’ याचिकाकर्ता ने यह भी बताया है कि नवाज शरीफ ने सार्वजनिक रैलियों में सेवारत सैन्य और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे पाकिस्तानी सेना और न्यायपालिका का अपमान हुआ है और चोट पहुंचा है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह 18 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करेंगे।