गाजियाबाद के खोड़ा इलाके के वंदना एंक्लेव में रहने वाले दस वर्षीय बच्चे हर्ष की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्या में शामिल तीनों आरोपियों ने दो हफ्ते पहले ही बच्चे के अपहरण की साजिश रच ली थी। तीनों आरोपी नोएडा के खरगोश पार्क भी घूम आए थे। हत्याकांड के मास्टमाइंड आकाश ने माता-पिता का इलाज कराने के लिए रुपयों का इंतजाम करने के लिए हर्ष के अपहरण की योजना बनाई थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, मृतक बच्चे के परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम होने नोएडा में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
पुलिस अधीक्षक अपराध डॉ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि दस वर्षीय हर्ष उर्फ कान्हा को आखिरी बार पड़ोस में रहने वाले मौसेरे भाई प्रियांशु व दो दोस्तों के साथ देखा गया था। इसको लेकर खोड़ा पुलिस ने प्रियांशु व उसके दो दोस्त राजू उर्फ राजकुमार निवासी दीपक विहार व आकाश निवासी राजीव विहार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उन्होंने बताया कि तीनों हर्ष को आकाश की स्कूटी पर बैठाकर नोएडा सेक्टर-54 खरगोश पार्क ले गए थे।
तीनों स्कूटी में धोती के टुकड़े, घर में प्रयोग होने वाला चाकू व टाट बोरी लेकर गए थे। सूती धोती के टुकड़ों से हाथ-पैर बांधकर 15 लाख रुपये फिरौती मांगनी थीं, लेकिन वह थोड़ी देर बाद सब कुछ समझ गया। इसी बीच हर्ष भागने का प्रयास करने लगा। तीनों आरोपी भेद खुलने के डर से घबरा गए। प्रियांशु ने हर्ष के हाथ व राजू ने पैर पकड़ लिए। फिर आकाश ने गले व पेट पर चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी।
पूछताछ में प्रियांशु ने बताया कि अपहरण की योजना आकाश ने रची थी। इसके पीछे कारण हर्ष के पिता अजीत सिंह का बलिया में स्कूल होना रहा। आरोपियों को अंदाजा था कि अपहरण करने के बाद अजीत 15-20 लाख रुपये की फिरौती दे देंगे।