बांदा में देहात कोतवाली के एक गांव में शोहदे से परेशान इंटर की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा ने खून से सुसाइड नोट लिखा। पुलिस ने छह पन्नों में लिखे सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया। देर शाम परिजनों की तहरीर पर शोहदे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।
19 साल की युवती गांव के ही एक इंटर कॉलेज में पढ़ती थी। रविवार देर शाम भाई ने कमरे में बंद बहन को कई आवाजें लगाईं, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। अनहोनी की आशंका पर पूरा परिवार इकट्ठा हो गया। दरवाजा तोड़कर परिजन अंदर पहुंचे तो छात्रा का शव फंदे से लटका देख सबकी चीख निकल आई। सूचना पर देहात कोतवाली पुलिस घर पहुंची।
कमरे के अंदर कुर्सी पर छात्रा की कापी मिली, पलटने पर उसमें छह पन्ने का सुसाइड नोट था। पुलिस के मुताबिक छात्रा ने गांव के ही सुभाष को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उसने लिखा है कि वह गलत करता था और ब्लैकमेल भी करता था। शिकायत करने की बात पर जान से मारने की धमकी देता था।
परिजनों से पूछताछ में मृतका के भाई ने भी ऐसा ही कुछ बताया। कहा, युवक आए दिन बहन को कॉलेज आते-जाते वक्त परेशान करता था। पुलिस को कई बार सूचना दी गई पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे युवक के हौसले बढ़ गए थे। हालांकि कोतवाली प्रभारी ब्रजेश यादव ने कहा कि उन्हें आज से पहले इस प्रकार की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली थी।
…मरने में डर लग रहा है, पर मजबूर हूं
छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि शोहदे से परेशान होकर मैं आत्महत्या जरूर कर रही हूं, लेकिन मरने में डर लग रहा है। मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है। दीदी और जीजा हो सके तो माफ कर देना। मैं गलत नहीं हूं, लोग मुझे गलत समझ रहे हैं। हो सके तो मेरे शव की चीरफाड़ न कराएं। गांव में ही अंतिम संस्कार कर दें।
..ऐसी सजा दिलाना कि हजार बार सोचे
छात्रा ने यह भी लिखा कि शोहदे को ऐसी सजा दिलाना ताकि कोई भी किसी लड़की से घिनौनी हरकत करने से पहले हजार बार सोचे। छात्रा ने सुसाइड नोट में बार-बार यह भी स्पष्ट किया है कि आत्महत्या करना उसकी मजबूरी है। सुसाइड नोट के अंत में खून से मां के लिए लिखी लाइन ने सभी को झकझोर दिया है।