मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पत्रकार समेत 8 लोगों को थाने के अंदर अर्धनग्न हालत में खड़ा करने के मामले में सीधी कोतवाली के पुलिस थाना प्रभारी और एक सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। एसएचओ अभिषेक सिंह और टीआई मनोज सोनी के निलंबन के साथ ही दोनों को पुलिस लाइन से अटैच कर दिया गया है।
इससे पहले मामले को लेकर थाना प्रभारी ने बड़ा अजीब सा तर्क दिया था। पत्रकारों ने जब मामले में थाना प्रभारी से पूछा कि पत्रकार और प्रदर्शनकारियों के कपड़े क्यों उतरवाए गए? जवाब में थाना प्रभारी ने कहा कि कपड़े नहीं उतरवाए गए, उन्होंने अंडरवियर पहन रखा था। यही नहीं, आगे उन्होंने कहा था- कपड़े इसलिए उतरवाए गए ताकि कोई फांसी वगैरह ना लगा ले इसलिए कपड़े उतरवा लिए गए।
पत्रकार ने लगाए बड़े आरोप
वहीं दूसरी तरफ पत्रकार का आरोप है कि वो अपने कैमरामैन के साथ धरना कवर करने गया था। इस दौरान पुलिसवाले उन्हें पकड़कर थाने ले आए और फिर मारपीट की। पीड़ित का ये भी कहना है कि पुलिसवालों ने सबके कपड़े उतरवाए और थाने में जुलूस निकाला। पत्रकार का कहना है कि उन्हें और उनके घरवालों को पुलिस की तरफ से लगातार झूठे केस में फंसाने की धमकियां मिल रही है।
यह था मामला
जानकारी के मुताबिक थियेटर आर्टिस्ट नीरज कुंदर की गिरफ्तारी के विरोध में कुछ लोग थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच थाने के बाहर एमपी सरकार और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी हुई। बाद में पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों और पत्रकार को थाने ले आई और उनके कपड़े उतरवा दिए।