दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर नई दिल्ली में आवंटित बंगला चिराग पासवान से खाली कराए जाने को लेकर सियासी विवाद तूल पकड़ रहा है। बंगला खाली कराए जाने के तरीके को लेकर जहां विपक्षी दल चिराग पासवान के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं वहीं चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे पर राजनीतिक फायदे के लिए जानबूझकर उनकी तस्वीर फेंकने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि हाल में चिराग से 12, जनपथ स्थित बंगला खाली कराया गया था। इस कार्रवाई के बाद चिराग पासवान ने केंद्र सरकार पर उनके पिता का अपमान करने का आरोप लगाया। चिराग ने कहा था कि कि वह ‘हनुमान’ हैं लेकिन ‘हनुमान’ के घर को आग लगा दी गई। भाजपा को समर्थन देने का यही नतीजा है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बारे में केंद्र सरकार ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कार्रवाई को नियमानुसार बताया है। जमुई से सांसद चिराग पासवान को विपक्षी खेमे में लाने को आतुर राजद ने बंगला खाली कराए जाने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से गलत और अपमानजनक था।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, ‘हम चाहेंगे कि चिराग राजद की अगुवाई वाले विपक्षी मोर्चे में शामिल हों। उन्होंने सोमवार को चिराग से करीब एक घंटे तक बात की थी। क्या चिराग ने विपक्षी खेमे को ज्वाइन करने के बारे में कोई संकेत दिया इस सवाल पर श्याम रजक ने कहा, ‘ऐसी चीजें कभी भी जल्दबाजी में नहीं होतीं। नये गठबंधन के मूर्त रूप लेने में समय लगता है लेकिन यह होगा।’ राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी जमुई सांसद के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि रामविलास पासवान के वंशज को बंगला खाली कराए जाते समय जिस तरह का अपमान सहना पड़ा वह कतई सही नहीं था। यह बंगला उनके स्वर्गीय पिता और लोकजनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास वापास के नाम पर आवंटित था।
हालांकि जमुई के सांसद ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। चिराग पासवान ने रविवार को कहा था कि, ‘गठबंधन विचारधारा पर आधारित होते हैं। एक घर गठबंधन तय करने का मुद्दा नहीं हो सकता लेकिन मैं महसूस करता हूं कि जिस तरीके से मुझसे घर खाली कराया गया वो सही नहीं था। बीजेपी ने मुझे सम्मान नहीं दिया।’ चिराग यह जवाब बिहार में राजद की अगुवाई वाले विपक्षी खेमे में शामिल होने की संभावनाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल पर दिया था।
पहले हो चुका राजद-लोजपा गठबंधन
वैसे बिहार की राजनीति राजद और लोजपा गठबंधन आजमाया जा चुका है। 2005 के विधानसभा चुनाव के पहले दोनों गठबंधन की डोर से बंधे थे। दोनों ने 2010 का विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले लोजपा ने राजद से गठबंधन तोड़ दिया।
पारस ने लगाए गंभीर आरोप
इस बीच केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर बंगले को खाली कराए जाने को लेकर राजनीतिक फायदे के लिए विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया है। बता दें कि चिराग और पारस के बीच पिछले साल पार्टी पर कब्जे को लेकर मतभेद उभरे थे और इसकी परिणति सांसदों की बगावत और पार्टी के दो खेमों में बंट जाने के रूप में सामने आई थी। इसके बाद से एक खेमे (लोजपा रामविलास) का नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे हैं। वहीं दूसरे खेमे के अगुवा पशुपति कुमार पारस हैं।
सोमवार को वैशाली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पशुपति कुमार पारस ने आरोप लगाया कि चिराग और उनके परिवार के लोग बंगले से सभी महत्वपूर्ण चीजें पहले ही लेते गए थे। उन्होंने जानबूझकर लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान, बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुछ तस्वीरें बंगले के बाहर छोड़ दीं। ऐसा राजनीतिक फायदे के लिए किया गया। चिराग बंगला खाली कराए जाने का राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। जबकि बंगला खाली कराए जाने से एक साल पहले से कई अधिकारिक आदेश जारी किए गए थे। कई बार रिमाइंडर भी भेजे गए लेकिन चिराग और उनके परिवार ने बंगला खाली नहीं किया। यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका रद्द कर दी थी।
पारस ने कहा- ‘क्या पुलिस ने कीमती चीजें बाहर फेंकी? चिराग ने खुद अपने पिता का अपमान किया। उधर चिराग पासवान ने रविवार को बिना नाम लिए आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने उनसे वादा किया था कि वह और उनका परिवार बंगले में कुछ और समय तक रह सकते हैं। लेकिन 30 मार्च को बेहद गलत तरीके से बंगला खाली करा लिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें तब बहुत अपमान महसूस हुआ जब मैंने बंगला खाली किए जाते समय अधिकारियों को अपने पिता और बाबा साहेब आम्बेडकर की तस्वीरों का अपमान करते हुए देखा। ये तस्वीरे बंगले के मुख्य द्वार के बाहर पड़ी थीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे 12 जनपथ खाली करने में जरा भी हिचक नहीं थी। मैंने कभी भी वहां हमेशा रहने का नहीं सोचा था लेकिन जिस तरीके से मुझसे बंगला खाली कराया गया वो गलत और अपमानजनक था।’