राजस्थान पुलिस ने करौली हिंसा मामले में जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर राजाराम गुर्जर को नामजद किया है। पुलिस ने दंगा भड़काने की साजिश में निर्दलीय पार्षद मतलूब अहमद के खिलाफ भी मामला दर्ज है। फिलहाल दोनों ही पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने करौली हिंसा में कुल 36 लोगों को नामजद किया है। इनमें 19 मुस्लिम और 17 हिंदू शामिल हैं। करौली हिंसा केस में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 2 अप्रैल को करौली जिला मुख्यालय पर हुई हिंसा में फिलहाल तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। करौली हिंसा पर भाजपा और कांग्रेस का कमेटियों ने रिपोर्ट सौंप दी। कांग्रेस की 3 सदस्यीय कमेटी ने सीएम गहलोत को रिपोर्ट सौंपी है जबकि भाजपा की कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को रिपोर्ट सौंपी है। इस हिंसा में 42 लोग घायल हो गए थे।
मेयर सौम्या गुर्जर के पति रहे हैं विवादों में
करौली हिंसा में करौली नगरपालिका के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर का विवादों से पुराना नाता रहा है। राजाराम के खिलाफ नवंबर 2019 में नगर परिषद सैनेटरी इंस्पेक्टर के साथ मारपीट और अभद्रता की प्राथमिकी करौली कोतवाली में दर्ज हुई थी। दोनों के बीच सफाईकर्मियों के बिल भुगतान पर साइन करने को लेकर झगड़ा हुआ था। उसके बाद राजाराम को सभापति का पद गवाना पड़ा था। हालांकि जुलाई 2020 में राजाराम फिर बहाल हो गये थे। जयपुर में बीवीजी कंपनी और राजाराम गुर्जर का 100 करोड़ की डील का आडियो भी वायरल हुआ था। जिसके बाद राजाराम गुर्जर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
कांग्रेस की कमेटी ने दोनों पक्षों को माना जिम्मेदार
करौली हिंसा पर गठित कांग्रेस की कमेटी ने दोनों पक्षों को जिम्मेदार माना है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है कि जैसे ही पथराव हुआ उसके बाद रैली निकालने वाले लोग गुस्से में आ गए। कमेटी ने कुल 39 दुकानों को नुकसान होने की बात कही है। कमेटी में अनुसार ज्यादातर दुकानें हिंदुओं की थी। कमेटी ने इन लोगों को मुआवजा देने की बात प्रशासन को कही है। कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र, कांग्रेस सचिव और करौली प्रभारी ललित यादव के साथ ही विधायक रफीक खान की एक कमेटी बनाई थी, जिसने मंगलवार को हिंसा और आगजनी वाले क्षेत्र में जाकर अपनी रिपोर्ट तैयार की। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के करौली में हिंदू नववर्ष के अवसर पर निकाली जा रही रैली पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। इस हिंसा में 42 लोग घायल हो गए थे। भाजपा की कमेटी ने तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए दंगों के लिए गहलोत सरकार को जिम्मेदार माना है।