हुंडई मोटर देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता बनी हुई है, लेकिन यह पायदान कभी भी छिन सकता है। पिछले कुछ महीनों से कार निर्माता की बिक्री में गिरावट आई है। मार्च में, कोरियाई कार निर्माता ने 55,287 यूनिट्स बेचीं हैं। यह पिछले साल के मार्च की तुलना में बिक्री में 14 प्रतिशत की गिरावट है। बाकी कंपनियों की तरह हुंडई भी सेमीकंडक्टर चिप की कमी से जूझ रही है।
Hyundai ने पिछले साल मार्च में 64,621 यूनिट्स की बिक्री की थी। हालांकि, महीने-दर-महीने की बात करें तो कंपनी थोड़ी रिकवरी भी कर रही है। इस साल फरवरी में, हुंडई ने 44,050 यूनिट्स बेची थीं, जबकि मार्च की 55,287 यूनिट्स को देखते हुए कंपनी ने 25 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है।
25% बढ़ा एक्सपोर्ट
कुल मिलाकर, हुंडई के लिए वित्त वर्ष 2021-22 निराशाजनक नहीं रहा है। कंपनी ने कुल 6,10,760 यूनिट्स की बिक्री की है। यह 2020-21 वित्तीय वर्ष के दौरान बेची गई 5,75,877 यूनिट्स की तुलना में लगभग छह प्रतिशत की मामूली ग्रोथ है। इस दौरान कंपनी ने 1,29,260 यूनिट्स के साथ एक्सपोर्ट में लगभग 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की है।
लगातार बढ़ रहा गाड़ियों का वेटिंग पीरियड
चिप संकट की वजह से हुंडई के लिए मुश्लिक बढ़ रही हैं क्योंकि इसकी पॉपुलर कारों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ता जा रहा है। क्रेटा और वेन्यू एसयूवी, जो इसकी कुल बिक्री का एक बड़ा हिस्सा हैं, इनका वेटिंग पीरियड कई महीनों का है। अपनी एसयूवी और हैचबैक तगड़ी डिमांड के बावजूद हुंडई इसे बिक्री में नहीं भुना पा रही। हुंडई इस साल क्रेटा और वेन्यू दोनों के फेसलिफ्ट वर्जन को ला सकती है।