पानी से भारी विषाक्त धातु आयन हटाने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस ईजाद की है। यह नई डिवाइस लोगों तक साफ पानी की पहुंच आसान बनाने में मददगार साबित हो सकती है। यह डिवाइस कार्बन नैनो ट्यूब झिल्लियों से कैप्सूल मॉडल में बनाई गई है। इसका पेटेंट दस वर्ष के लिए हुआ है।
इविवि के रसायन विज्ञान विभाग में डीन साइंस प्रो. शेखर श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में शोध छात्र राहुल कनौजिया ने यह अनोखी डिवाइस बनाई है। राहुल ने बताया कि कार्बन नैनोट्यूब झिलियों से बने कैप्सूल जैसी संरचना की डिवाइस तैयार की गई है।
यह नैनो टेक्नोलॉजी आधारित डिवाइस पानी से दूषित पदार्थों, मैलापन, तेल, वैक्टीरिया, वायरस साफ करेगी।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के कोलकाता स्थित कंट्रोलर जर्नल आफ पेटेंट डिजाइन एंड डेनमार्क ने 10 वर्ष के लिए इस डिजाइन की मान्यता दी है। पेटेंट भारत सरकार के आधिकारिक पेटेंट गजट जनरल में प्रकाशित है।
राहुल ने बताया कि झारखंड के डॉ. यशवंत राव, महाराष्ट्र के डॉ. पांडुरंग, तमिलनाडु के डॉ. जे मधुसूदन, आंध प्रदेश के डॉ. अरुणा कुमारी आदि इस खोज में शामिल रहे।
अणुओं को नैनो कार्बन से जोड़ने पर विचार
अधिशोषण में सुधार के लिए वैज्ञानिक अणुओं को नैनो कार्बन से जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। वैज्ञानिक धातु आयन शोषण के लिए सभी उपलब्ध सतहों का इस्तेमाल करने के तौर-तरीकों को खोजने की कोशिश भी कर रहे हैं। यह एक समय में अधिक धातु आयन सोखने की उनकी क्षमता को बढ़ाएगा।