उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगल में आग की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। इस सीजन में डेढ़ माह में सोमवार तक प्रदेशभर में वनाग्नि की 118 घटनाएं दर्ज की गईं। इसमें करीब 150 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा 24 घटनाएं पिथौरागढ़ और 22 घटनाएं बागेश्वर में दर्ज की गईं।
इस बार तापमान ज्यादा होने के कारण आग की घटनाएं मार्च में ही काफी हो गई हैं। जबकि, पिछले साल मार्च तक 60 घटनाएं ही हुई थीं, पूरे सीजन में 1139 घटनाएं हुई थीं। वहीं, 2020 में लॉकडाउन के चलते पूरे सीजन में आग की 135 घटनाएं ही दर्ज की गई थीं। वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग ने 1317 फायर क्रू स्टेशन बनाए हैं। इनमें से 40 को मॉडल स्टेशन बनाया जा रहा है।
फॉरेस्ट फायर को लेकर विभाग पूरी तरह तैयार है। फायर वाचरों की तैनाती की जा रही है। विभागीय कर्मचारियों को बेसिक फायर टूल्स भी दिए जा रहे हैं। इसके अलावा सभी डिवीजनों में अधिकारियों और कर्मचारियों को आईआईआरएस की ओर से विकसित फॉरेस्ट फायर रिपोर्टिंग मोबाइल ऐप का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो आग की सटीक लोकेशन कंट्रोल रूम को देगा।