सुपरटेक (Supertech) से सबवेंशन योजना के तहत घर खरीदने वाले उन लोगों के लिए राहतभरी खबर है जिनके बिल्डरों ने मकान का कब्जा देने से पहले ही बैंकों को ईएमआई देनी बंद कर दी है और बैंक अब उन पर वसूली का दबाव बना रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने बैंकों को ऐसे घर खरीदारों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
सुपरटेक बिल्डर से जुड़े एक मामले में अंतरिम फैसला सुनाते हुए जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने यह आदेश दिया। बेंच ने बैंकों को निर्देश दिया है कि यदि इस प्लान के तहत घर खरीदने वालों का सिविल स्कोर खराब किया गया है तो इसे सही करने को तुरंत कदम उठाएं।
सुपरटेक से घर खरीदने वालों ने वकील पीयूष सिंह के माध्यम से अर्जी दी थी। इस पर बैंकों ने कहा था कि प्री-ईएमआई और ईएमआई देना घर खरीदारों की जिम्मेदारी है। बेंच ने कहा कि शर्तों में साफ है कि मकान का कब्जा मिलने तक ईएमआई बिल्डर को देनी है, ऐसे में घर खरीदारों पर भार नहीं डाल सकते। हम इसकी समीक्षा करेंगे और तब तक बैंक वसूली नहीं कर सकते।
क्या है सबवेंशन योजना?
बिल्डर खरीदार से मकान की कुल कीमत का 10 फीसदी डाउन पेमेंट (बुकिंग रकम) लेता है और उसके नाम से बैंक से बाकी का लोन ले लेता है। बैंक, बिल्डर व खरीदार के बीच एक समझौता होता है कि कब्जा मिलने तक ईएमआई बिल्डर भरेगा, लेकिन बिल्डर इसे नहीं देते तो बैंक घर खरीदारों पर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं।