बिहार विधानसभा में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक को सदन से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद वे धरने पर बैठ गए। एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान कार्य स्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे थे। वे इस दौरान सदन में बेल के अंदर तक आ गए। इसके बाद स्पीकर ने उन्हें मार्शल से बाहर करवाया।
बिहार में ओवैसी की पार्टी के 5 विधायक हैं। अख्तरुल इमान विधानसभा में एआईएमआईएम के नेता हैं। अख्तरुल इमान सदन में सीमांचल में नदियों और कटाव का मुद्दा उठा रहे थे। वह इसे लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे थे। मांग करते हुए ही वह बेल के अंदर आ गए और हंगामा करने लगे। इस पर स्पीकर ने मार्शलों के जरिये उन्हें सदन से बाहर किया। उनके बाहर आने पर पार्टी के अन्य चार विधायक भी बाहर आ गए और विधानसभा परिसर में ही धरने पर बैठ गए।
कार्यवाही शुरू होते ही स्थगन प्रस्ताव की मांग
विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। सदस्यों ने स्थगन प्रस्तावों को तुरंत लेने की मांग की। अन्य बातों के अलावा पटना के दानापुर में मुख्यमंत्री की पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या की सीबीआई जांच और भोजपुर में 1857 के नायक वीर कुंवर सिंह के वंशज की रहस्यमयी मौत की न्यायिक जांच की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किए।
हालांकि स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सदस्यों से उचित समय तक प्रतीक्षा करने को कहा। जब उन्होंने प्रश्नकाल के बाद स्थगन प्रस्तावों को पढ़ा और ठुकरा दिया तो सदन में हंगामा तेज हो गया। कई सदस्य वेल तक पहुंचे तो अध्यक्ष ने नाराजगी जाहिर की और अपनी सीटों पर लौटने के साथ ही संक्षेप में अपनी बात रखने के लिए कहा।
महबूब आलम (भाकपा-माले), अरुण शंकर सिंह (कांग्रेस) और मुकेश रौशन (राजद) जैसे विधायकों ने उपरोक्त हत्या के मामलों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है, यहां तक कि मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं।
सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की भाषा पर भी आपत्ति जताई। वह अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में बार-बार “हिंदुओं के उत्पीड़न” का आरोप लगाते रहे हैं और स्थानीय प्रशासन पर “तुष्टिकरण की राजनीति” में शामिल होने का आरोप लगाया है।
हंगामे के बीच एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान वेल में पहुंच गए। स्पीकर ने उन्हें बार-बार वेल में प्रवेश करने से मना किया और फटकार लगाई। इसके बाद मार्शल के जरिये उन्हें सदन से बाहर कराया।
बाद में स्पीकर ने राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक की ओर से खेद व्यक्त करने के बाद ईमान को निलंबित करने के अपने आदेश को रद्द कर दिया। स्पीकर ने कहा कि ईमान लंच के बाद के सत्र में सदन में शामिल हो सकते हैं।
इस बीच, एआईएमआईएम की बिहार इकाई के प्रमुख ईमान अपनी पार्टी के अन्य विधायकों के साथ विरोध में बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मैंने उन मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था जो विशेष रूप से मेरे बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। मैं चाहता था कि सत्र समाप्त होने के बाद से मेरी आवाज सुनी जाए। मैं इस बात से दुखी हूं कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया। कहा कि सदस्यों का वेल में जाना कोई असामान्य घटना नहीं है