बांदा जेल की हर मूवमेंट पर मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे मऊ से नवनिर्वाचित विधायक अब्बास अंसारी को पता चल रही थी। रविवार रात से भोर तक वह जेल की एक एक मूवमेंट की जानकारियां ट्वीट करते रहे। इनमें चार ट्वीट तो रात 12 बजे से भोर में तीन बजे तक ही किये गए। जेल में कौन अधिकारी गया और कौन निकला, कितने बजे एंबुलेंस पहुंची, जेल में क्या चल रहा है?
मुख्तार को कहां ले जाने की तैयारी हो रही है जैसी जानकारियां अब्बास ट्विटर पर वीडियो के साथ शेयर करते रहे। एक के बाद एक सात ट्वीट में राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ओपी राजभर, अखिलेख यादव और समाजवादी पार्टी को टैग करते रहे। सवाल यह उठ रहा है कि जेल के अंदर से यह जानकारियां अब्बास को कौन दे रहा था।
अब्बास ने सबसे पहला ट्वीट रविवार रात 12 बजे किया। लिखा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को देर रात बांदा जेल से लखनऊ ले जाने की हो रही कथित तैयारी बड़ी अनहोनी की आशंका पैदा कर रही। ट्वीट वायरल होते ही 12:30 बजे तक मीडियाकर्मियों का कारागार के बाहर जमावड़ा लग गया। तमाम अधिकारियों को पुख्ता जानकारी के लिए फोन किए गए, लेकिन किसी ने भी रिसीव नहीं किया।
दूसरा ट्वीट रात 12:30 बजे किया। इसमें बिना नंबर की इनोवो कार कारागार में दाखिल हुई। साथ ही वीडियो अपलोड करते हुए लिखा कि अधिकारियों के द्वारा कोई जवाब न मिलना गंभीर शंका पैदा कर रहा है।
तीसरा ट्वीट रात 01:20 बजे सीएमओ के जेल के अंदर पहुंचने का किया गया। साथ में बिना नंबर की इनोवा के जेल के अंदर दाखिल होने का वीडियो भी अपलोड किया।
चौथे ट्वीट में वीडियो के साथ भोर में 03:00 बजे कारगार के अंदर से इनोवा के निकलने का किया गया। इसमें लिखा था अधिकारियों की चुप्पी सरकार को कटघरे में खड़ी कर रही है। 5वां ट्वीट मुख्तार को लखनऊ ले जाने के लिए जब एंबुलेंस भोर में पहुंची तब किया।
छठवां ट्वीट रवानगी के टाइम के साथ वीडियो अपलोड कर किया। 7वां ट्वीट तिंदवारी में वज्र वाहन के खराब होने का वीडियो अपलोड कर सुरक्षा में बड़ी चूक और गाड़ी का खराब होना साजिश का हिस्सा तो नहीं लिखा।
12 घंटे बाद मुख्तार बांदा जेल में वापस दाखिल
मुख्तार अंसारी लखनऊ में पेशी के लिए सुबह 7:28 बजे निकले और शाम 7.28 पर ही उनका एम्बुलेंस दोबारा कारागार में प्रवेश कर गया। बांदा जेल के प्रभारी जेल अधीक्षक के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने सुबह नमाज पढ़ी। इसके बाद रूटीन नाश्ता चाय-ब्रेड किया फिर एंबुलेंस से लखनऊ पेशी के लिए रवाना हुआ। जेल सूत्रों के मुताबिक, रातभर अधिकारी और डॉक्टरों की चहलकदमी से मुख्तार सोया भी नहीं। कारगार के अन्य बंदियों की नींद में भी खलल पड़ा। सबमें जानने की उत्सुकता रहीं कि आखिर क्या हो रहा।