उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.O का आगाज हो गया है। लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी के साथ उनके मंत्रियों ने भी शपथ ली है। 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई गई योगी की नई टीम में कई नए चेहरों को भी शामिल गया है। नए चेहरों में उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी शामिल हैं।
आगरा ग्रामीण सीट से विधायक बनीं बेबी रानी मौर्य का जन्म 15 अगस्त 1956 को हुआ था। बी.ए., एम.एमएड की शिक्षा ले चुकीं बेबी रानी मौर्य 1995-2000 तक आगरा की मेयर रहीं। 2002 से 2005 के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं हैं। अगस्त 2018 से 15 सितम्बर 2021 के बीच उत्तराखंड की राज्यपाल रहीं।
मायावती के लिए बढ़ेगी टेंशन?
बेबी रानी मौर्य भी बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती की तरह जाटव समुदाय से आती हैं। माना जा रहा है कि भाजपा ने जाटव वोटर्स को ध्यान में रखकर ही बेबी रानी मौर्य को राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिलवाकर विधानसभा चुनाव लड़वाया। यूपी के पिछले कुछ चुनावों में जिस तरह बहुजन समाज पार्टी लगातार कमजोर पड़ती गई है उससे पार्टी के समर्थक अब नया ठिकाना तलाश रहे हैं। माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बसपा के वोट बैंक में बड़े पैमाने पर सेंधमारी की है।
बेबी रानी मौर्य ने नाम में जोड़ा जाटव
बेबी रानी मौर्य ने हाल ही में अपने नाम के साथ जाटव लिखना भी शुरू कर दिया है। दरअसल, जाटव समुदाय को मायावती का कोर वोट बैंक समझा जाता है। बुरे से बुरे दौर में भी जाटव समुदाय बसपा के साथ बना रहा है। अब बीजेपी की कोशिश इन्हें अपने पाले में लाने की है। माना जा रहा है कि इसी रणनीति के तहत बेबी रानी मौर्य को योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है। उन्होंने कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।