कांग्रेस का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में उसका सीधा मुकाबला सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से है और हाल ही में पंजाब फतह करने वाली आम आदमी पार्टी अभी राज्य में जन्मीं भी नहीं है। दरअसल पंजाब में पराजय और उत्तराखंड में सत्ता हासिल कर पाने में असमर्थ कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी के उभार ने दहशत पैदा कर दी है।
कांग्रेस खुद को हिमाचल प्रदेश में भाजपा के बाद सत्ता के स्वाभाविक वंशज के रूप में देख रही है लेकिन कहा जा रहा है कि पंजाब के बाद आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी कांग्रेस को करारा झटका दे सकती है। हालांकि इन मुश्किलों से बचने के लिए कांग्रेस ने इसी साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एक्शन मोड में हैं। उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष कुलदीप राठौर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर, राम लाल ठाकुर, कर्नल (सेवानिवृत्त) धनी राम शांडिल, आशा कुमारी, विप्लोव ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान, सुधीर शर्मा, धर्माणी और मंडी की नवनिर्वाचित सांसद प्रतिभा सिंह सहित कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को तलब किया था।
मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कई घंटों चली बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नेता रवाना हो गए। इस दौरान एक कांग्रेसी नेता ने कहा, “चुनाव नजदीक आने के साथ हमने पार्टी को मजबूत करने पर चर्चा की… राज्य में आप अभी पैदा नहीं हुई है, पहले इसे चलना सीखना होगा। हमारी प्रतिस्पर्धा है भाजपा के साथ है।”
हिमाचल के कांग्रेस नेताओं की नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ 10 जनपथ पर बैठक हुई। इस बैठक में हिमाचल कांग्रेस के करीब 25 नेताओं ने हिस्सा लिया। सोनिया ने सभी वरिष्ठ नेताओं को एकजुट होकर काम करने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि संगठन में आपसी गुटबाजी का यह समय नहीं है।