राजस्थान के धौलपुर जिले में एक दलित महिला ने उच्च जाति के लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। हालांकि, पुलिस ने गैंगरेप की घटना से इनकार करते हुए इसे छेड़छाड़ और मारपीट का मामला बताया है। अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में जांच के लिए एक टीम वहां भेजी है। पुलिस ने 26 साल की दलित महिला के साथ गैंगरेप की घटना से इनकार कर दिया है जिसके बाद महिला आयोग ने तीन सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग टीम को धौलपुर भेजा है।
आयोग की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि धौलपुर में जहां 26 साल की एक महिला के साथ बंदूक की नोंक पर उनके बच्चों और पति के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया गया वहां पर जांच के लिए तीन सदस्यी टीम को भेजा गया है। जो सही तथ्यों के बारे में बता लगाएगी।
यह तीन सदस्यीय टीम पीड़िता से मिलेगी। इसके अलावा वो पीड़िता के घर वालों और संबंधित स्टेशन हाउस ऑफिसर से भी मुलाकात करेगी। यह टीम पुलिस अधीक्षक और केस की जांच कर रहे जांच अधिकारी से भी मुलाकात करेगी।
19 मार्च को आयोग ने घटना के बाद इसपर संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने डीजीपी को लिखा था कि वो इस मामले में बिना देरी किये अज्ञात अपराधियों पर केस दर्ज करें और उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। 16 मार्च को पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उनके साथ धौलपुर में गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। महिला के मुताबिक जब वो अपने बच्चों और पति के साथ खेत से लौट रही थीं तब उनके साथ गैंगरेप किया गया।
हालांकि, सोमवार को पुलिस ने दावा किया था कि महिला के गैंगरेप नहीं हुआ था और उनके साथ मारपीट की गई थी। जिले के पुलिस अधीक्षक एस आर मीणा ने कहा, ‘इस मामले में गैंगरेप और हिंसा का केस दर्ज किया गया था। उनका बयान दर्ज किया गया था और मेडिकल भी किया गया था। सभी चीजों को देखने के बाद हमारी जांच में पता चला कि गैंगरेप की घटना नहीं हुई थी। उनकी सिर्फ पिटाई की गई थी।
एसपी ने कहा कि इस मामले में 6 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सभी आरोपी उसी गांव के थे। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने भी पीड़िता से मुलाकात की थी और पुलिस से कहा था कि वो इस मामले में न्याय सुनिश्चित करें।