विधानसभा चुनाव में मेरठ जिले में गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन कर चार सीटों पर कब्जे के बाद अब एमएलसी चुनाव में फतह की तैयारी तेज हो गई है। सपा ने मेरठ-गाजियाबाद सीट पर अपना दावा छोड़ते हुए रालाेेद के खाते में यह सीट सौंप दी है, यानी सपा एमएलसी की मेरठ-गाजियाबाद सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। रालोद जल्द ही अपने प्रत्याशी की घोषणा करने जा रहा है। माना जा रहा है कि सिवालखास सीट पर टिकट नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी एमएलसी चुनाव में इनको मौका दे सकती है।
2010 में बसपा जबकि 2016 में सपा के खाते में गई थी सीट
2010 और 2016 के चुनाव में भाजपा इस सीट पर हार गई थी। 2010 में बसपा के प्रशांत चौधरी और 2016 में सपा के राकेश यादव एमएलसी बने। ऐसे में 2022 में विधानसभा चुनावों की ठीक बाद होने जा रहे एमएलसी चुनाव पर सबकी नजर रहेगी। गठबंधन के शानदार प्रदर्शन 2017 के मुकाबले दो सीटों के नुकसान के बाद भाजपा के लिए यह चुनाव बेहद प्रतिष्ठा वाला बन गया है। गठबंधन जहां इस सीट पर अपनी विजय यात्रा को जारी रखना चाहेगा, वहीं भाजपा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के विजयी रथ को रोकने पर जोर लगाएगी।