सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान की गहलोत सरकार को BSTC-B.ed विवाद मामले में बड़ी राहत दी है। रीट लेवल-1 परीक्षा में बीएसटीसी के अभ्यर्थियों को बैठने का अवसर मिलेगा। देश की शीर्ष अदालत ने बीए़ड अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में बैठने से इंकार कर दिया है। इससे से 15 हजार 500 पदों पर नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। रीट परीक्षा के लेवल 1 में अब केवल बीएसटीसी के स्टूडेंट्स शामिल होंगे। इस मामले को लेकर हाल ही में बीएसटीसी के छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा था। रीट परीक्षा में बीएड स्टूडेंट्स को भी लेवल-1 परीक्षा में शामिल किए जाने की खबर के बाद बीएसटीसी स्टूडेंट्स नाराज थे। राज्य सरकार की ओर से एएजी मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को बहाल कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीएसटीसी के पक्ष में सुनाया फैसला
इस मामले को लेकर हाल ही बीएसटीसी के हजारों स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर बड़ा अभियान चलाया था। शिक्षा विभाग का इस संबंध में कहना है कि यह संशोधन राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के निर्णय के आधार पर लिया गया है। इसके तहत ही इस बार बीएड डिग्रीधारियों भी लेवल1 परीक्षा दे पाएंगे। इससे पहले लेवल 1 की परीक्षा में बीएसटीसी करने वाले स्टूडेंट्स ही अपीयर होते थे। लेकिन बीएसटीसी के अभ्यर्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने बीएसटीसी के पक्ष में फैसला सुनाया है। बीएड अभ्यर्थियों को लेवल-1 में बैठने से इंकार कर दिया है।
सोशल मीडिया पर चलाया था अभियान
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर बीएसटीसी के हजारों अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक आंदोलन किया था। राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एकत्रित हुए थे। आंदोलनरत स्टूडेंट्स का भाजपा सांसद किरोड़ी लाल का समर्थन मिला था। प्रदेश के विभिन्न बेरोजगार छात्र संगठनों को भी समर्थन मिला था।