रोटी या चावल, दोनों में से क्या बेहतर है इसको लेकर अक्सर चर्चा होती, डायटीशियन भी इस बारे में कई बार बताते नजर आते हैं। लेकिन फिर भी लोगों के मन में एक डाउट बना रहता है। खासकर वेट लॉस जर्नी के दौरान और डायबिटीज से ग्रसित लोगों के बीच। ऐसे में आज हम कुछ ऐसे प्वाइंट्स बता रहे हैं जिससे आपकी ये कंफ्यूजन दूर हो जाएगी। कई लोग वेट लॉस के दौरान सबसे पहले रोटी छोड़ देते हैं, और फिर न खाने के कुछ ही घंटों में उन्हें चक्कर, सिरदर्द जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। अब जब बात इंडियन फूड की हो तो चावल और रोटी दोनों ही मुख्य चीजें हैं, जिससे कार्बोहाइड्रेट मिलता है।अब ऐसे में दोनों में से किसी को भी छोड़ना मुश्किल भरा हो सकता है। इस बारे में कुछ का कहना है कि चावल से मोटापा बढ़ता है, वहीं कुछ ऐसे हैं जो चावल को रोटी से हल्का खाना बताते हैं। वहीं डायबिटीज रोगी भी इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि उनके लिए आखिर क्या बेहतर है। तो चलिए जानते हैं।
दोनों में न्यूट्रिएंट्स की मात्रा
चावल और गेहूं दोनों अनाज है। अब इन दोनों ही चीजों में एक मात्रा में प्रोटीन, फैट और कार्ब्स होते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 ग्राम गेहूं के आटे में
76 ग्राम कार्ब्स
10 ग्राम प्रोटीन
1 ग्राम फैट
रिपोर्ट्स के मुताबिक 100 ग्राम चावल में
28 ग्राम कार्ब्स
2.7 ग्राम प्रोटीन
0.3 ग्राम फैट
ऐसे में ये बात साफ है कि चावल और रोटी में कोई बड़ा अंतर नहीं है। अगर हम दोनों के न्यूट्रिएंट्स वैल्यू को देखें, तो सिर्फ सोडियम की मात्रा में ज्यादा अंतर नजर आएगा। चावल में सोडियम की मात्रा कम होती है जबकि चपाती में ज्यादा होती है।
वेट लॉस में क्या है बेहतर
कई रिपोर्ट्स और डायटीशियन की मानें तो कई लोगों को रोटी से चावल ज्यादा फिलिंग लगते हैं, ऐसे में कुछ लोग चावल की बहुत ज्यादा मात्रा खाते हैं। ऐसे में आपको वजन बढ़ सकता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं है कि गलत रोटी या चावल नहीं बल्कि खाने का तरीका है। रोटी और चावल दोनों हेल्दी हैं। आपको केवल पोर्शन कंट्रोल की प्रेक्टिस करनी है। लेकिन जब हम वजन घटाने की बात करते हैं, तो रोटी ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। अगर आप वेट लॉस में चावल खाना चाहते हैं स्पेशली रात को तो आप खिचड़ी बना सकते हैं जिसमें दाल या सब्जी की मात्रा ज्यादा हो। हालांकि सलाह दी जाती है की रात में मिस्सी रोटी या फिर सिंपल रोटी खाएं।
डायबिटीज में ग्लाइसेमिक इंडेक्स
खाने की चीजें जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से कम होता है, वह ब्लड शुगर के लेवल पर कम इफेक्टिव होते हैं। वहीं 56 से 69 के बीच को मीडियम प्रभावी माना जाता है तो वहीं 70 से ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें ब्लड शुगर के लेवल पर ज्यादा प्रभाव डालती हैं। चावल के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की बात हो तो ये इस पर निर्भर करता है कि आखिर चावल को पॉलिश किया गया है या नहीं। वहीं रोटी किस तरह के आटे से बनी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चावल जीआई-
सफेद-72
ब्राउन-66
रिपोर्ट्स के मुताबिक रोटी जीआई-
आटे की रोटी- 62
बेसन या चने के आटे की रोटी-52
डायबिटीज में क्या है बेहतर
डायबिटीज में बेसन, चने की बनी रोटियां बेस्ट होती हैं क्योंकि दोनों में ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। वहीं चावल की बात हो तो ब्राउन राइस का जीआई कम है, लेकिन अगर पूछा जाए की रोजाना के खान के लिए रोटी या चावल को दोनों में से बेहतर क्या है, तो जीआई को देखते हुए रोटी बेहतर है।
ध्यान दें।
दोनों चीजों के फायदे और नुकसान को देखा जाए, तो रोटी के ज्यादा फायदे हैं, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि चावल के फायदे नहीं है। दोनों के शरीर में अपने फायदे है। किसी भी एक को अपनाने या छोड़ने से पहले आप अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इसी के साथ किसी भी चीज के फायदे पाने के लिए जरूरी है कि आप उसे सीमित मात्रा में खाएं।