दिल्ली में तीनों नगर निगमों को फिर से एक करने के एक कदम की चर्चाओं के बीच कई पूर्व महापौरों ने इस फैसले का स्वागत किया है। यहां तक कि उन्होंने महापौर पद के लिए अधिक शक्तियों और लंबे कार्यकाल पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि नगर निगमों का एकीकरण होने के बाद जैसा कि 2012 तक व्यवस्था थी, तीनों निगमों की वित्तीय स्थिति में भी निश्चित रूप से सुधार होगा।
राज्य चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि उसने नगर निकायों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा को टाल दिया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगमों को एकजुट करने के लिए संसद के बजट सत्र में एक विधेयक लाने की योजना बनाई है
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर सुभाष आर्या ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में जब शीला दीक्षित की सरकार थी, तब भी हमने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को तीन हिस्सों में बांटने के कदम का विरोध किया था। सुभाष आर्या एकीकृत एमसीडी में सदन के नेता और विपक्ष के नेता और स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे थे।
उन्होंने कहा कि फिर से इन नगर निगमों का एकीकरण करने से तीनों निगमों की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी। आर्या ने कहा कि यदि तीनों नगर निगमों को फिर से एक किया जाता है तो मेयर को और अधिक शक्तियां देनी चाहिए और कार्यकाल भी बढ़ाना चाहिए।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर एवं पार्टी के एक अन्य नेता योगेंद्र चंदौलिया ने भी आर्या की बातों से सहमति जताई तथा मेयर पद को व्यापक शक्तियां देने की हिमायत की। 2012 में एमसीडी के स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे चंदोलिया ने दावा किया कि लगभग एक साल पहले उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें एक आम वित्तीय प्रणाली की मांग की गई थी ताकि कम से कम वेतन कर्मचारियों को समय पर दिया जा सकता है।
पूर्वी दिल्ली के पूर्व मेयर निर्मल जैन ने कहा कि यदि तीनों नगर निगमों का एकीकरण किया जाता है तो मैं मेयर को और अधिक शक्तियां देने का सुझाव देना चाहूंगा।
मेयर पदों को पांच एकल वर्ष के रोटेशन के आधार पर रखा जाता है, जिसमें पहला वर्ष महिलाओं के लिए आरक्षित है, दूसरा खुली श्रेणी के लिए, तीसरा आरक्षित वर्ग के लिए और शेष दो भी खुली श्रेणी में हैं।
नगर निगम चुनावों पर कानूनी राय लेगा दिल्ली निर्वाचन आयोग
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बारे में कानूनी विशेषज्ञों की सलाह लेने का फैसला किया है कि दिल्ली के तीन नगर निगमों के विलय के लिए केंद्र से पत्र मिलने के बाद क्या अब भी तीनों निगमों में चुनाव कराए जा सकते हैं। आयोग ने बुधवार को पत्र मिलने के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तर दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा टाल दी। केंद्र को तीनों निगमों को मिलाने के लिए दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) कानून में संशोधन करना होगा।
अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि आयोग का काम स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले निष्पक्ष तरीके से निगम के चुनाव कराने का है। उन्होंने कहा कि नए सदस्यों का निर्वाचन 18 मई से पहले करना होगा।
एक सूत्र ने कहा कि कुछ अभूतपूर्व परिस्थितियों के उभरने के कारण आयोग अब यह समझना चाहता है कि किस तरह आगे बढ़ा जाए और ऐसे समय में निगम चुनाव कराए जाने चाहिए या नहीं जब केंद्र तीनों नगर निगमों को मिलाने वाला है। इसलिए हमने इस तरह के मुद्दों पर राय लेने के लिए वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों से संपर्क किया है और उसी अनुसार कार्रवाई करेंगे। सूत्रों के अनुसार, बुधवार के घटनाक्रम पर एक विस्तृत नोट तैयार कर लिया गया है और इसे कानूनी विशेषज्ञों को उनकी सलाह के लिए भेजा जाएगा।