800 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एंबिएंस समूह के मालिक राज सिंह गहलोत की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने सुनाया जिन्होंने 10 फरवरी को जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि गहलोत को पिछले साल जुलाई में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने गहलोत, उनकी कंपनी अमन हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (एएचपीएल), एंबिएंस समूह की कुछ अन्य फर्मों, कंपनी में निदेशक दयानंद सिंह, मोहन सिंह गहलोत और उनके सहयोगियों के यहां छापा मारा था। ईडी को यहां से 16 लाख रुपये कैश और करीब 25 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा बरामद हुई थी। गहलोत के खिलाफ ईडी का मामला दिल्ली में यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास स्थित पांच सितारा लीला एंबिएंस कन्वेंशन होटल के निर्माण और विकास में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एएचपीएल और उसके निदेशकों के खिलाफ जम्मू के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की 2019 की प्राथमिकी पर आधारित है।
ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में पाया गया कि 800 करोड़ रुपये से अधिक की लोन राशि का एक बड़ा हिस्सा एएचपीएल, राज सिंह गहलोत और उनके सहयोगियों द्वारा छीन लिया गया था। बता दें कि गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और करंजावाला एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर संदीप कपूर ने इस आधार पर जमानत मांगी कि वह जुलाई से हिरासत में है और चार्जशीट दाखिल होने के बाद उसे लगातार जेल में रखना जरूरी नहीं है। जिस पर ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने जमानत दिए जाने का विरोध किया और कहा कि इस मामले में गंभीर आरोप हैं।