शाहजहां के उर्स के मौके पर ताजमहल में एंट्री फ्री कर दी गई। इससे भारी भीड़ उमड़ी और अफरातफरी मच गई। इसी दौरान कुछ अराजकतत्वों ने भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी होते ही हड़कंप मच गया। सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल नारे लगाने वालों को पकड़ा और घेर कर उनकी पिटाई की।
मंगलवार को ताजमहल जाने वाली सड़कें सैलानियों से लबालब थी। हर गली में भीड़ दिखाई दे रही थी। भीड़ के कारण स्मारक परिसर में तो पैर रखने की जगह नहीं बची। भीड़ इतनी कि चेकिंग हो तो कैसे। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी सहायता को वालिंटियर्स लगाए पर वे भी फेल हो गए।
इसी बीच कुछ ऐसा हो गया जो आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ। हर भारतीय का सिर शर्म से झुक गया। दो युवकों ने तो हद ही कर डाली। फिरोजाबाद के रहने वाले एक युवक ने सेंट्रल टैंक के पास भारत मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। इस पर सीआईएसएफ ने उसकी जमकर पिटाई की। कुछ दूरी पर ही पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले एक युवक का भी सीआईएसएफ ने मार-मारकर बुरा हाल कर दिया। हालत ये थे कि सीआईएसएफ इन्हें नहीं मारती तो वहां मौजूद सैलानी उसका कचूमर ही निकाल देते। घटना की गंभीरता को देखते हुए सीआईएसएफ ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
दूसरी तरफ ताजमहल के अंदर और बाहर के इलाकों का भी हाल बुरा था। इससे पहले इतनी भीड़ कभी नहीं देखी गई। छोटे-छोटे बच्चे भीड़ में ही खो गए। उन्हें संभालने वाला कोई नहीं था। बच्चे अपने परिजनों से बिछुड़ने के बाद रोते हुए दिखे। सेंट्रल टैंक और चमेली फर्श पर तो अराजकता का आलम था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल के जवानों को कई बार लाठियां फटकारनी पड़ीं। इतना ही नहीं पिटने के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं थे। जहां जिसे रास्ता मिलता, उधर से ही गुजर जाता। सुरक्षाकर्मी सीटी बजाकर उन्हें नियमों का पालन करने की सलाह देते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी एक नहीं सुनी।