पुरानी सीमापुरी से बरामद विस्फोटक मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक की जांच के बाद पांच को प्रमुख संदिग्ध के तौर पर चिह्नित किया है। इसी के साथ कुछ सुरागों के जरिए आतंकी साजिश में दर्जनभर लोगों के शामिल होने का शक जाहिर किया है। इन सभी की तलाश में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की कई टीम पड़ोसी प्रदेशों में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
जांच टीम को पुरानी सीमापुरी स्थित कमरे में रहने व आने-जाने वाले पांच संदिग्धों के अलावे सीमापार से आकाओं से मिलने वाले निर्देश, आईएसआई व अन्य आतंकी संगठनों और स्लीपर सेल के गठजोड़ वाले पूरे मॉड्यूल में करीब दर्जनभर से अधिक लोगों के शामिल होने का शक है।
आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा मॉडॺूल : जांच से जुड़ी एजेंसियों का कहना है कि इस मॉड्यूल को पाकिस्तानी खुफिया इकाई आईएसआई लीड कर रही है, जबकि इस साजिश को अंजाम देने के लिए सीमापार में बैठे आतंकी संगठनों के कमांडर अपने भारतीय नेटवर्क के स्लीपर सेल के गुर्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मॉड्यूल को आईएसआई कर रही है, लिहाजा वह इतनी सावधानी बरत रही है कि ऐसा कोई सुराग न छोड़ा जाए, जिससे भारतीय एजेंसियां कड़ियों को जोड़ते हुए सभी आरोपियों तक पहुंच सकें।
आईईडी विशेषज्ञ है एक संदिग्ध : पुलिस सूत्रों की मानें जिन प्रमुख पांच संदिग्धों की तलाश है उनमें दो कमरे में रहने वाले जबकि तीन अक्सर आने-जाने वाले हैं। कमरे में रहने वाले दो संदिग्धों में से ही एक आईईडी एक्सपर्ट है। वह आईईडी तैयार करने में माहिर है, जबकि दूसरा उसका सहयोगी है। वहीं कमरे में आने-जाने वाले तीन सदस्यों में से एक दिल्ली तक आरडीएक्स पहुंचाने वाले नेटवर्क का हिस्सा है। दरअसल, अब तक की तफ्तीश के मुताबिक आरडीएक्स को पाकिस्तान से पंजाब की सीमाओं और पीओके के जरिए भारतीय सीमा में भेजने और वहां से दिल्ली लाए जाने की बात सामने आ रही है। आरडीएक्स को दिल्ली पहुंचाने वालों में से एक शख्स सीमापुरी के कमरे में आने-जाने वाला संदिग्ध है।
इलाके की थी जानकारी
एजेंसियों की मानें तो आरडीएक्स के अलावा आईईडी तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान जैसे अमोनियम नाइट्रेट, टाइमर डिवाइस, छर्रे, मैग्नेट आदि की व्यवस्था करने वाला भी यही संदिग्ध है। वहीं, कमरे में आने-जाने वाले दूसरे संदिग्ध के बारे में कहा जा रहा है कि उसे दिल्ली के उन भीड़भाड़ वाले इलाकों के बारे में जानकारी थी, जहां बम प्लांट कर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा सकता है। जबकि तीसरा संदिग्ध स्थानीय वाहन चोर से संपर्क रखने की कड़ी है। उसके जरिए ही चोरी की बाइक की व्यवस्था की गई। इन सभी सभी की तलाश जारी है।
स्थानीय नेटवर्क से जुड़े इन व्यक्तियों को ढूंढ़ा जा रहा
– संदिग्धों को कमरे के लिए प्रॉपर्टी डीलर तक पहुंचाने वाला स्थानीय व्यक्ति कौन है?
– संदिग्धों को दिल्ली की भौगोलिक जानकारी देने वाला स्थानीय शख्स कौन है?
– संदिग्धों तक चोरी की बाइक पहुंचाने वाला स्थानीय व्यक्ति कौन है?
– सीमापार के आकाओं के निर्देश गिरोह तक पहुंचाने की स्थानीय कड़ी कौन है?
-स्लीपर सेल को सक्रिय कर उनके रहने-खाने का इंतजाम करने वाला स्थानीय शख्स कौन है?
कॉल डिटेल की हो रही जांच
पुलिस की जांच के दायरे में अब तक करीब 150 मोबाइल नंबर आ चुके हैं। इनमें से कुछ नंबरों की जांच पहले से ही स्पेशल सेल गाजीपुर फूलमंडी में आईईडी मिलने के मामले में कर रही है, जबकि सीमापुरी में विस्फोटक बरामद होने के बाद कुछ अन्य नंबरों की भी जांच शुरू की गई है। ऐसे में जांच के दायरे में नंबरों की संख्या बढ़ रही है। इनमें से कुछ नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है तो कुछ नंबरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) निकालकर संदिग्धों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। पुलिस की जांच आगे बढ़ने के साथ ही दायरे में कई नए नंबर सामने आए हैं।
आसपास के लोगों से पूछताछ
स्पेशल सेल सूत्रों की मानें तो संदिग्धों की तलाश में जुटी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम अब तक 15 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें मकान मालिक, प्रॉपटी डीलर, मकान में रहने वाले लोग और आसपास के लोग शामिल हैं। इसके अलावा अन्य जिन भी लोगों पर शक है, उनसे पूछताछ कर संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पूछताछ के आधार पर तैयार स्कैच के जरिए भी संदिग्धों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी एक-एक कर खंगाल रही है।