राजस्थान में खाकी पर गंभीर दाग लगा है। वर्दी पर लूट की बड़ी वारदात को अंजाम देने का इल्जाम है। आरोप है कि 5 पुलिसवालों ने मिलकर एक व्यापारी से कैश और गहने लूट लिए। मामले की जांच के बाद थानेदार और दो कॉन्स्टेबलों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि 2 हेड-कॉन्स्टेबल अभी फरार चल रहे हैं। मामला पाली जिले का है।
पंजाब से आए थे पाली
पंजाब के अमृतसर के रहने वाले व्यापारी सुरेंद्र सिंह आर्टिफिशयल गहनों पर सोने की पॉलिस का काम करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 फरवरी को सुरेंद्र सिंह किसी काम के सिलसिले में पाली जा रहे थे। लेकिन जाडन टोल नाके के पास एक प्राइवेट कार में सवार होकर आए 5 पुलिसकर्मियों ने अचानक उनकी गाड़ी को रोक लिया।
आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने सुरेंद्र सिंह को जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उन्हें लेकर किसी सुनसान जगह पर चले गए। इसके बाद व्यापारी को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई और उनके साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया गया।
ट्रांसफर करवाए पैसे और ले लिए गहने
सुरेंद्र सिंह इस मामले में अपनी गुहार लेकर जिले के पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत के पास पहुंचे। उन्होंने एसपी को बताया कि लूटपाट के दौरान शिवपुरा थाना प्रभारी अनिल सारण ने एक बैंक खाते में जबरन उनसे पैसे ट्रांसफर करवाए। उनके पास जो गहने उस वक्त मौजूद थे वो भी पुलिस वालों ने छीन ली। इसके अलावा उन्हें धमकी भी दी गई थी कि वो उन्हें डोडा पोस्त की तस्करी के मामले में फंसा देंगे। व्यापारी के मुताबिक उनके साथ 6 लाख रुपये की लूट हुई थी।
SP ने दिये जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने तुरंत इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिये। वृत्ताधिकारी (Talks Officer) डॉक्टर हेमन्त जाखड़ ने अपनी जांच में व्यापारी द्वारा लगाए गए आरोपों को सहीं पाया। इसके बाद 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण और लूट का मुकदमा दर्ज किया गया।
अब तक इस मामले में शिवपुरा थाना प्रभारी अनिल कुमार सारण, कॉन्स्टेबल तुलसाराम और गीगाराम को गिरफ्तार कर लिया गया। हेड- कॉन्स्टेबल मीठालाल और मनीष विश्नोई फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।