Ghazipur IED Case : गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली की गाजीपुर फूल मंडी में मिले इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बम के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक काले रंग की स्प्लेंडर बाइक मिली है। यह बाइक दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन की पार्किंग से बरामद की गई है।
आईईडी मिलने के बाद मंडी की सीसीटीवी फुटेज में एक काले रंग की स्प्लेंडर बाइक देखी गई थी, जिसके बाद से ही बाइक की तलाश जारी थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह बाइक साल 2020 में दिल्ली के शास्त्री पार्क से चोरी की गई थी।
सीसीटीवी में दिख रहा था कि इसी स्प्लेंडर बाइक पर बैठकर 2 संदिग्ध गाजीपुर फूल मंडी गए थे और RDX से बनाई गई IED बम प्लांट किया था। गाजीपुर में IED प्लांट करने के बाद दोनों बाइक सवार सीमापुरी गए थे।
दिल्ली में धमाके करने के लिए आईईडी बनाए गए : राकेश अस्थाना
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि गुरुवार को सीमापुरी के एक घर से और पिछले महीने गाजीपुर बाजार से मिले आईईडी (विस्फोटक) शहर के सार्वजनिक स्थानों पर धमाके करने के इरादे से बनाए गए थे। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि ऐसी गतिविधियां स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ओल्ड सीमापुरी इलाके में एक बैग में आईईडी मिलने के एक दिन बाद पुलिस ने वहां सुरक्षा बढ़ा दी और अतिरिक्त कर्मियों को तैनात कर दिया। उन्होंने बताया कि 2.5 से लेकर तीन किलोग्राम वजनी आईईडी बाद में नष्ट कर दिया गया, जबकि पुलिस मकान के मालिक और एक प्रॉपर्टी डीलर से पूछताछ कर रही है।
मीडिया से बातचीत में अस्थाना ने कहा कि गाजीपुर में 17 जनवरी को एक आईईडी मिला था और गुरुवार को ओल्ड सीमापुरी में भी ऐसा ही आईईडी मिला तथा उसे नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जांच के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर धमाके करने के इरादे से ये आईईडी बनाए गए। स्थानीय सहयोग के बिना ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं। उन्होंने बताया कि स्पेशल सेल तथा अन्य दल मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में ऐसी किसी भी घटना को रोकने और किसी भी स्थानीय तथा विदेशी नेटवर्क का खुलासा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कोई अन्य जानकारी देने से इनकार कर दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध बैग मिलने के बाद आसपास की इमारतों से करीब 400 लोगों को बाहर निकाला गया था। उन्होंने कहा कि हमने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। हमने बैरिकेड लगा दिए हैं और मकान को सील कर दिया है। क्राइम स्पॉट को संरक्षित कर दिया है। स्थानीय पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सुरक्षा उपायों के तौर पर इलाके में किरायेदारों का सत्यापन भी किया था। स्थानीय पुलिस भी जांच कर रही है।
स्पेशल सेल की एक टीम ने जिस इमारत के पास संदिग्ध बैग मिला था, वहां लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी हासिल की है। फुटेज खंगाली जा रही है। मकान मालिक आशिम की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके बेटे को हिरासत में ले लिया है, जबकि उसकी पत्नी ने कहा कि जिस मंजिल से विस्फोटक मिले हैं, वह उन्होंने कुछ महीने पहले दो लोगों को किराये पर दिया था।
पूछताछ के दौरान मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि उसने मकान किराये पर देते समय दोनों लोगों के दस्तावेज लिए थे। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहरहाल, मामले की जांच कर रही स्पेशल सेल को अभी दस्तावेज नहीं मिले हैं।
एनएसजी सूत्रों ने बताया था कि विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण हो सकता है, लेकिन फॉरेंसिक लैब विस्तार से इसकी जांच करेगी। इस विस्फोटक के पिछले महीने गणतंत्र दिवस से पहले गाजीपुर फूल मंडी से मिले विस्फोटक जैसा होने के कारण पुलिस का मानना है कि ये दोनों मामले एक ही व्यक्ति से जुड़े हो सकते हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि गाजीपुर मामले की जांच ही पुलिस को ओल्ड सीमापुरी में विस्फोटक की खुफिया सूचना तक ले गई। सीमापुरी के एक घर में संदिग्ध बैग मिलने की सूचना के बाद स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंची थी। एक दमकल की गाड़ी, एनएसजी और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की टीम भी मौके पर पहुंची थी। अधिकारी ने बताया कि जब हमारी टीम मकान में घुसी तो वह खाली था। वहां बैग मिला और तुरंत एनएसजी को सूचना दे दी गई। संदिग्ध फरार हो गए। हमें संदेह है कि ओल्ड सीमापुरी से मिला विस्फोटक उन्हीं लोगों ने बनाया है, जिन्होंने पिछले महीने गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी रखा था।