यूपी चुनाव में इस बार हाथी, कमल, पंजा और साइकिल से ज्यादा बुलडोजर चर्चा में है। चुनाव में बुलडोजर एक नया प्रतीक बनकर उभरा है। बीजेपी जहां इसको कानून व्यवस्था से जोड़कर लोगों के सामने रख रही है। वहीं सपा बुलडोजर को भाजपा का नया चुनाव निशान बता रही है। बीजेपी के बुलडोजर प्रचार का सपा ने इटावा के रैली में जवाब दिया है। इटावा रैली के दौरान सपाइयों ने बुलडोजर पर साइकिल लेकर नारेबाजी की।
दरअसल भाजपा की रैली में बुलडोजर दिखाकर जनता को नया संदेश देना चाह रही है। मकानों को ढाहने से लेकर निर्माण कार्यों में बेहद उपयोगी बुलडोजर को अब बीजेपी ने प्रचार का साधन भी बना लिया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अपराधियों और माफियाओं के घर पर बुलडोजर चलाए जाने को बीजेपी मजबूती के रूप में पेश कर रही है। अब रैलियों में इसे शामिल करके संदेश दिया जा रहा है। इस पर राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था यूपी को कलम चलाने की जरूरत है बुलडोजर नहीं।
बीजेपी की एटा रैली में दिखा था बुलडोजर
आपको बता दें कि मंगलवार को बीजेपी की एटा रैली में बुलडोजर दिखा था। कुछ समर्थक बुलडोजर पर बीजेपी का झंडा लेकर बैठे हुए दिखे और जय श्री राम के नारे लगाते रहे। रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी राज में 2017 से 2022 के बीच सरकार ने भू-माफिया के खिलाफ ट्रेलर दिखाया, आगे देखना बुलडोजर कैसे चलेगा।
सीएम योगी बुलडोजर से दे रहे जनता को यह संदेश
यूपी चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलडोजर के जारिए जनता की सुरक्षा को लेकर संदेश दे रहे हैं। कांठ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था कि भाजपा सरकार एक हाथ में विकास रखती है, जबकि दूसरे पर बुलडोजर। इस बुलडोजर का इस्तेमाल माफिया को भगाने के लिए किया जाता है। पहले रामलीला का मंचन नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब रामलीला का मंचन किया जा रहा है।