पटना में मंगलवार को लोजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर राजभवन मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज को लेकर चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। चिराग ने कहा कि अब नीतीश कुमार को हटाकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि जेपी मूवमेंट से भी बड़ा आंदोलन होगा।
चिराग ने कहा कि 15 फरवरी को बिहार में एक बड़े आंदोलन का आगाज हुआ है। जो जेपी आंदोलन से बड़ा आंदोलन होगा। चिराग ने एक बार फिर से मध्यावधि चुनाव का दावा करते हुए कहा है कि बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के मुद्दे पर लड़ाई लड़ते हुए नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। हम सरकार बनाएंगे।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने मंगलवार को आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था।
बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चिराग पासवान ने कहा कि मंगलवार को दुःखद दृश्य देखने को मिला है। पटना पुलिस वही कर रही थी, जिसे करने के लिए ऊपर से निर्देश दिया गया था। लोजपा (रामविलास) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को रौंदने का आदेश उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से मिला था। आंसू गैस का गोला छोड़कर और लाठीचार्ज कर पुलिस ने उसी आदेश का पालन किया। लाठीचार्ज में पार्टी के कई नेता और कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आई हैं। पासवान ने लाठीचार्ज की कई तस्वीरें और वीडियो भी दिखाए।
चिराग ने कहा कि जब भी बड़े आपराधिक वारदात होते हैं नीतीश कुछ नहीं बोलते हैं। उनका कोई बयान नहीं आता है। नीतीश कुमार पूरी तरह से मौन साधे रहते हैं। वो भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने हैं। बड़े मामलों में उनके मौन साधने पर भाजपा भी कुछ नहीं कहती है। शांतिपूर्ण तरीके से राजभवन मार्च चल रहा था। इसके बाद भी मेरे कार्यकर्ताओं पर लाठी क्यों चली? नीतीश कुमार को इसका जवाब देना होगा।
चिराग ने आरोप लगाया कि उस दौरान पुलिस ने महिला कार्यकर्ता के गाल पर मारा, पार्टी के युवा नेता को ऐसा मारा कि उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है। पार्टी के 1-1 कार्यकर्ता को 3-3 पुलिस वालों ने घेर कर मारा। कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया। चिराग ने पूछा कि मार्च करने वाले सभी बिहारी थे, बिहार के लोगों के साथ ऐसा क्यों किया गया। क्या हम आतंकी-उपद्रवी हैं?
चिराग ने सवाल कोतवाली थाना में दर्ज हुए केस और उसमें लगाई गई धाराओं पर भी उठाया। मजिस्ट्रेट के बयान पर कोतवाली थाने जो एफआईआर हुई, उसमें चिराग पासवान का नाम नहीं है। इस पर सवाल उठाते हुए चिराग ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार डरते हैं?
चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार का असली घिनौना चेहरा सामने आ गया है। चिराग ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज और गिरफ्तारी के बाद उनकी मां मिलने के लिए थाना जा रही थीं। मगर, उनकी मां को मिलने नहीं दिया गया। पिछले 44 साल में ऐसा पहली बार हुआ। पहली बार मेरी मां को रोका गया।
इससे फर्क नहीं पड़ता कि 15 साल पहले क्या था?
अक्सर जदयू और भाजपा के नेता राजद के 15 साल की सरकार की याद दिलाते हैं। इस पर निशाना साधते हुए चिराग ने मुद्दा उठाया कि 15 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार फिसड्डी साबित हुआ है। 15 साल पहले बिहार में क्या था? इससे फर्क नहीं पड़ता है। फर्क इससे पड़ता है कि पिछले 15 सालों में आपने क्या किया? नीतीश कुमार की सरकार में एक भी नया कारखाना नहीं खुला। जो कारखाने चल रहे थे वो भी बंद पड़ गए। शिक्षा पर बात भी नहीं करते।
टूरिज्म को भी बढ़ावा नहीं दिया। शराबबंदी के नाम पर बिहारियों को अलग-अलग तरह के नशों में झोंक दिया है। युवा आबादी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। यूनिवर्सिटी में छात्र हंगामा कर रहे हैं, STET के उम्मीदवार धरना दे रहे हैं। इस पर कोई कुछ बोलता भी नहीं है। छात्र और युवा अपनी मांग मांगते हैं तो उन्हें पुलिस की लाठी मिलती है।