राजधानी दिल्ली के बवाना इलाके में बने राजीव रतन आवास योजना के कई फ्लैट शुक्रवार दोपहर भरभरा कर गिर गए। हादसे के बाद मलबे में दबे 2 लोगों को रेस्क्यू कर इलाज के लिए भेजा गया गया है। अब भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। घटनास्थल पर राहत बचाव कार्य लगातार जारी है।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 2:45 बजे नरेला थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली जल बोर्ड के पास एक बिल्डिंग ढह गई है, जिसमें 4-5 व्यक्ति/बच्चे मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।
थाना नरेला पुलिस जब मौके पर पहुंची तो पता चला कि उक्त गिरी हुई इमारत राजीव रतन आवास का हिस्सा है, जिसमें लगभग 300-400 फ्लैट हैं। पुलिस द्वारा तीन जेसीबी और एक हाइड्रा और दो एंबुलेंस की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
रेस्क्यू की गई दो महिलाओं फातिमा पुत्री जुबेर, निवासी E-220 जेजे कॉलोनी बवाना दिल्ली और शहनाज पुत्री कलाम खान, निवासी बी-989 जेजे कॉलोनी बवाना को इलाज के लिए पूठ खुर्द स्थित एमवी अस्पताल में भेजा गया है। हालांकि, एक अन्य महिला रुकैया खातून, निवासी-2220 जेजे कॉलोनी बवाना दिल्ली और शहनाज (9 साल) पुत्री अफरीना और 2-3 अन्य लोगों के अब भी मलबे के नीचे दबे होने की संभावना है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बचाई गई दोनों महिलाएं खतरे से बाहर बताई जा रही हैं।
डीसीपी आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट बृजेंद्र यादव ने बताया कि बवाना की जे.जे. कॉलोनी में एक पुरानी इमारत का एक हिस्सा गिरने से कम से कम छह लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका थी। छह लोगों में से तीन को निकाल लिया गया है। बचाव अभियान जारी है।