जयपुर की विशेष अदालत ने गुरुवार को साढ़े चार वर्षीय बालिका के अपहरण और बलात्कार के बाद उसकी हत्या करने के जुर्म में 25 वर्षीय व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है। अभियोजन के अनुसार जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के नरेना कस्बे के निवासी सुरेश कुमार बलाई ने 11 अगस्त 2021 को साढ़े चार वर्षीय बालिका का अपहरण कर बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी।
विशिष्ट न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) ने कुमार को फांसी की सजा सुनायी और उसपर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण मनीष अग्रवाल ने बताया कि 11 अगस्त 2021 को कस्बा नरेना में साढ़े चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि करीब 700 पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों को अज्ञात आरोपी की तलाशी के लिए लगाया गया था।
15 घंटों में पुलिस ने किया था अरेस्ट
तलाशी में लगे पुलिस दलों ने मात्र 15 घंटे में ही अज्ञात आरोपी की सुरेश कुमार बलाई (25) के रूप में पहचान की और उसे गिरफ्तार कर जघन्य वारदात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि मामले में सुरेश कुमार के खिलाफ विभिन्न भारतीय दंड संहिता की धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत न्यायालय में मात्र 8 कार्य दिवस में चालान प्रस्तुत किया गया। विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह ने बताया कि मामले में 41 गवाहों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और कोई भी गवाह बयान से नहीं पलटा।
गहलोत बोले- पीड़ितों को न्याय दिलाना हमारा लक्ष्य
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाकर पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना सरकार का ध्येय बताते हुए कहा है कि जयपुर के नरैना में चार साल की मासूम से दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में सरकार ने स्पेशल पब्लिक प्रोसक्यिूटर नियुक्त किया था। गहलोत ने पॉक्सो कोर्ट के इस मामले के दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद गुरुवार देर रात यह बात कही।
हमारे कार्यकाल में 7 दोषियों को हुई फांसी: गहलोत
गहलोत ने कहा कि कोविड मुश्किलों के बावजूद जयपुर ग्रामीण पुलिस ने केस ऑफिसर स्कीम के तहत समयबद्ध तरीके से जांच पूर्ण कर आठ कार्य दिवस में चालान पेश कर दिया गया था एवं अदालत ने दोषी को सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट के मामलों में हमारी सरकार के कार्यकाल में सात दोषियों को फांसी एवं 123 से अधिक दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।